कोरबा : क्षेत्रीय विधायक पहुंचे हांथी प्रभावित क्षेत्र.. हांथीयों द्वारा किसानों की फसलों के हुए नुकसान के मुआवजे व वन अधिकार पट्टे दिए जाने वन विभाग को दिए निर्देश.

कोरबा 17 सितम्बर 2022 ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : पसान रेंज में लगभग 23 हाथीयों का दल लंबे समय से जंगल में इधर-उधर विचरण कर रहे हैं। खेतों में तैयार हो रहे खरीफ धान फसल को हाथी रौंदकर नुकसान पहुंचा रहे हैं, इससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। प्रभावित किसानों ने वन विभाग से नुकसान आकलन कर शीघ्र मुआवजा राशि दिलाने की मांग की है ताकि खेती की लागत निकल सके।

आज पाली तनाखार विधायक व मुख्यमंत्री अधोसंरचना उन्नयन विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष मोहितराम केरकेट्टा रायपुर प्रवास से सीधे वनमंडल कटघोरा के अंतर्गत पसान रेंज मे हांथी प्रभावित क्षेत्र पहुंचे जिसमें वे पसान, खोडरी, तवरिया, लोकड़हा मे सघन दौरा किया और हाथी प्रभावित ग्रामीणों से मिले, और उन्हें जल्द से जल्द फसल नुकसान, मकान छतिग्रस्त का मुआवजा राशि वन विभाग को तत्काल इसका निराकरण करने का आदेश दिये। इसके साथ ही लोकड़हा मे चौपाल लगा कर वन अधिकार के पट्टे के बारे मे वन विभाग से चर्चा कर उन्हें निर्देश दिया गया कि जल्द से जल्द यहा के लोगो का वन अधिकार पट्टा बनाया जाए। इस मौके में रेन्जर धर्मेंद्र चौहान, जुनैद खान,निर्मला कुजूर, सरपंच थान सिंग, शुभावन कोर्चे प्रिंस मित्तल एवं भारी संख्या मे ग्रामीण उपस्थित रहे।

कर्ज लेकर खेती-किसानी

विधायक मोहितराम केरकेट्टा से हांथी प्रभावित किसानों ने अपनी आपबीती बताते हुए बताया कि हांथीयों द्वारा खेत पर लगी धान के फसलों को बुरी रौंद दिया गया है ऐसे में धान फसल टूटकर जमीन पर गिर गया है। धान के पौधों के टूटने के बाद उठने की संभावना कम है, ऐसे में प्रभावित किसानों ने वन विभाग से शीघ्र फसल नुकसान आंकलन कर मुआवजा राशि दिलाने की गुहार लगाई है, ताकि फसल की लागत निकल सके। किसानों का कहना है कि इन खेतों में धान फसल के लिए पूरा खर्च कर चुके हैं। कई किसानों ने कर्ज लेकर खेती-किसानी की है। हाथी प्रभावित किसानों को वन विभाग से संतोषजनक मुआवजा मिले, तो नुकसान की भरपाई होगी। हाथियों द्वारा धान फसल नुकसान की जानकारी सुबह जब खेत देखने किसान जाते हैं, तब पता चल पाता है। इसकी जानकारी किसान अपने क्षेत्र के वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को देते हैं। उल्लेखनीय है कि वन विभाग की टीम हाथी प्रभावित गांवों मं जनहानि से बचाने के लिए ग्रामीणों को मुनादी कराकर हाथी आने की जानकारी दे रहे हैं और जंगल क्षेत्र में नहीं जाने अपील की है।