कोरबा के ग्रामीण अंचल में बच्चों में शिक्षा की अलग जगाने शिक्षक सुनील कुमार जायसवाल बन गए हैं ”खेत मचान बनाकर बच्चों को पढाई लगाकर, मोहल्ला क्लास लगाते हैं.

(सेन्ट्रल छत्तीसगढ़) हिमांशु डिक्सेना :- कोरबा: कई महीनों बाद स्कूल कोरोना काल में ग्रामीण बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो इसके लिए शिक्षक अलग-अलग नवाचार कर रहे हैं. कोरबा में पहले अब बच्चों में शिक्षा की अलख जगाने आ गए हैं खेत में मचान लगाकर खड़े होकर किताब पकड़कर मोहल्ला क्लास लगाने वाले शिक्षक शिक्षक सुनील कुमार जायसवाल अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं.

शिक्षक सुनील कुमार जायसवाल नें खेतों में मचान मैं बैठा कर बच्चों को पढ़ाई मास्टर जी कोरबा जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर प्राथमिक शाला नर्सरी पारा संकुल करताली प्राथमिक स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक को बच्चे बेहद पसंद करते हैं. मोहल्ला क्लास लगाकर शिक्षक सुनील कुमार जायसवाल बच्चों में शिक्षा का अलग जगा रहे हैं. गांव में लगने वाले मोहल्ला क्लास की लोग तारीफ करते हैं, क्योंकि बच्चे भी खेतों में मचान बैठक कर शिक्षक के साथ पढ़ाई करने में रूचि ले रहे

बच्चों को पढ़ाते हुए शिक्षक सुनील कुमार जयसवाल कोरबा जिले के पाली विकासखंड के दिव्यांग होते हुए भी अपनी सोच में कमी ना होते हुए अपने हौसले को गांव के खेत में मचान बैठा कर कुछ बच्चों को खेत में पढ़ाई का कार्य किया जा रहा है

वे कोरोना संक्रमण से बचने के लिए बनाई गई गाइडलाइन को फॉलो करते हुए बच्चों को पढ़ाते हैं. मोहल्ला क्लास में पढ़ने के लिए बच्चे बड़े ही उत्सुक रहते हैं. जैसे ही मास्टर जी की खेत में बच्चों को बुलाते है तो भागते हुए अपनी जगह पर आकर बैठ जाते हैं. सुनील कुमार जयसवाल ने बताया कि मोहल्ले के 10 से ज्यादा बच्चे रोजाना पढ़ने आते हैं.

राज्य सरकार भी बच्चों की पढ़ाई को लेकर योजनाएं बना रही है, जिससे कोरोना काल में उनकी शिक्षा प्रभावित न हो. इसी से जुड़ते हुए ये नवाचार करने का आइडिया मिला. बच्चों को पढ़ाने में उन्हें खुशी मिलती है. वे कहते हैं कि बच्चों को स्कूल जैसी पढ़ाई कराने के लिए पूरी कोशिश करते हैं

सुनील कुमार जयसवाल अपने आप शारीरिक रूप से दिव्यांग होते हुए भी अपनी सोच में घंटो पर खड़े होकर किताब पकड़ कर बच्चों को में पढ़ाते हैं पढ़ाई करने वाले बच्चों का कहना है कि खेतों में मचान में क्लास लेने से स्कूल की तरह ही पढ़ने का मौका मिलता है. बच्चे सभी विषय की पढ़ाई करते हैं. कोरोना संकट काल में बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखना सबसे चुनौतिपूर्ण काम था, लेकिन शिक्षक सुनील कुमार जायसवाल ने अपना दायित्व निभाते हुए इस बेहतरीन नवाचार का इजाद किया.

खास है इनका मोहल्ला क्लास ! कोरबा जिले के पाली विकासखंड शिक्षा अधिकारी टीपी उपाध्याय व सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी मणिराम मरकाम ने भी नर्सरी पारा का दौरा कर शिक्षक सुनील कुमार जायसवाल की अनूठी पहल को देखकर सभी को जयसवाल से प्रेरणा लेकर वाह प्रेरित होकर हम सभी बच्चों के भविष्य व पढ़ने सिखाने में सहयोग करे. वे कहते हैं पहल दूसरे शिक्षकों के लिए प्रेरणा है. बच्चों के लिए ये नवाचार बेहद ही सराहनीय है.कोरोना काल में शिक्षा के लिए किए गए ये तमाम नवाचार काबिल-ए-तारीफ है. इससे अन्य शिक्षकों को मोटिवेशन तो मिल ही रहा है, साथ ही बच्चे भी इंजाए के साथ पढ़ाई कर रहे हैं.