कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़)/साकेत वर्मा:- कुसमुंडा खदान के भीतर हुए हादसे में एक मजदूर सुरेश दास मलवे में दब गया है. इसे लेकर मजदूर संघ में खासी नाराजगी देखी जा रही है. नाराज मजदूरों ने खदान के प्रति मोर्चा खोल दिया है. इतना ही नहीं हादसे के बाद संघ ने खदान को बंद करा दिया है. गुरुवार को पूरे दिन कुसमुंडा खदान से कोयले का उत्खनन बंद रहा. हादसे के 5 से 6 घंटे बाद प्रशासन और SECL प्रबंधन की टीम भी मौके पर पहुंची है, लेकिन सुरेश दास का अभी तक पता नहीं चला है.
पानी निकासी के लिए प्रबंधन ने नहीं किया है इंतजाम
खदान के भीतर बरसात के बाद लगातार पानी जमा हो रहा था. ऊपर से पानी आने की शिकायत बनी हुई थी, लेकिन SECL प्रबंधन ने पानी निकासी के लिए समय रहते ठीक से प्रबंध नहीं किया. मजदूरों का आरोप है कि प्रबंधन की लापरवाही की वजह से खदान के ऊपर सिरे से भारी मात्रा में पानी बहकर आया, जोकि मलबे को साथ लेकर बहाते हुए मजदूरों को अपनी चपेट में ले लिया. मौके पर मौजूद 4 में से 1 मजदूर मलबे और पानी के साथ खदान की तलहटी में समा गया.
प्रबंधन की लापरवाही ?
एसईसीएल सेफ्टी बोर्ड के सदस्य वीएम मनोहर का कहना है कि खदान के ऊपर से भारी मात्रा में पानी बहते हुए नीचे आया. मजदूर लोहे की गुमटी में मौजूद था, जिससे वह साथ में बह गया. इसमें प्रबंधन की लापरवाही अब तक नहीं दिख रही है. हालांकि हर पहलू की जांच की जा रही है, न्यायसंगत कार्रवाई की जाएगी.
सुरेश दास को खोजती पुलिस
खदान पूरी तरह से बंद
खदान में हुए इस हादसे के बाद कोयले का उत्खनन पूरी तरह से बंद है. कुसमुंडा खदान गुरुवार को पूरे दिन बंद रहा. कोयले का उत्पादन नहीं हो सका है. कोयला लदे ट्रेलर खदान के भीतर ही खड़े रहे, जिससे कुसमुंडा खदान से कोयला बाहर नहीं निकल सका.
कुसमुंडा खदान में दबा मजदूर
आंखों के सामने खदान में समा गया मजदूर
खदान में सुरेश दास के साथ मौके पर तीन और मजदूर काम कर रहे थे. इसमें से एक मजदूर ने बताया कि उसकी आंखों के सामने ही सुरेश दास खदान में समा गया. मजदूरों ने बताया कि बताया कि वह सभी सुबह 7 बजे काम शुरू करने पहुंचे थे. इसी बीच तेज बारिश शुरू हो गई, जिसके बाद बारिश से बचने के लिए वे अपने साथियों के साथ लोहे की गुमटी में रुक गए, लेकिन बारिश इतनी तेज थी कि खदान के ऊपर से भारी मात्रा में पानी बहकर आने लगा, जिससे लोगों ने अपनी जान बचाने के लिए गोमती से बाहर कूद गए, लेकिन सुरेश वहां से निकल नहीं पाया और वो देखते ही देखते खदान की तहलटी में समा गया.
कुसमुंडा खदान के तहलटी में समाया
सुरेश दास के 3 बच्चे हैं
हादसे में हताहत हुए मजदूर सुरेश दास कुसमुंडा खदान से लगे वार्ड क्रमांक 54, सर्वमंगला नगर का निवासी है, जोकि ठेका श्रमिक के तौर पर खदान में कार्यरत है. सुरेश दास के 3 छोटे-छोटे बच्चे हैं.