कोरबा : कटघोरा वनमंडल में हाथी के बाद अब पेड़ों की कटाई का मामला आया सामने जवाबदार..क्या वन मंडल अधिकारियों को शिकायतो का इंतजार..

कोरबा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) शारदा पाल :कटघोरा वनमंडल के पसान रेंज में हरे भरे जंगल पर ईंट भट्ठा संचालकों की नजर लग गई है। पर्यावरण के लिए संजीवनी समान जंगलों से पेड़ों की बेतहाशा कटाई की जा रही है। वन विभाग के मुख्यालय से महज 1से 2 किलोमीटर की दूरी पर सैकड़ों अवैध ईट भट्टा संचालित है, ईट भट्ठा मालिकों द्वारा संचालित भट्टा के लिए सैकड़ों पेड़ों का अंधाधुंध सफाया किया जा रहा है। जंगल की सुरक्षा को लेकर वन अमले के उपेक्षित रवैया के चलते इन अवैध कारोबारियों के इरादे बुलंद हैं। पर नुकसान प्रकृति और वन्य जीवों का हो रहा है।हरियाली पर तस्करों और अवैध ईंट भट्ठा संचालकों की बुरी नजर लग गई है। तेंदू,साल, सागौन, चार, कोसम, सेनहा, महुआ जैसे पेड़ों को काटा गया, सुरक्षा में ढील होने से बेतहाशा कटाई से हरियाली कम होती जा रही है। जिस तरह से पेड़ों की लगातार अंधाधुंध कटाई हो रही है, उससे विभागीय कर्मियों के सांठ-गांठ होने पर बल मिल रहा है। रातोंरात हो रही पेड़ों की अवैध कटाई के ठूंठ गवाह साबित बन रहे हैं। लगातार कट रहे पेड़ों के चलते हालिया स्थिति यह है कि कुछ माह के भीतर बड़े क्षेत्रफल में लगे पेड़ों की जगह अब केवल मैदान और ठूंठ ही नजर आ रहा है। कटे हुए पेड़ों की जगह कब्जा बढ़ रहा है। सैकड़ों की संख्या में काट लिए गए पेड़ों की लकड़ियों की जगह अवैध ईंट भट्ठा संचालित करने की तैयारी की जा रही है। क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना कार्यालय वन परिक्षेत्र अधिकारी वन परिक्षेत्र पसान कटर्घारा वन मण्डल है कि इतने बड़े पैमाने पर लकड़ियों की अवैध कटाई पिछले कुछ दिनों से बढ़ गई है।

पेड़ों की कटाई से वन भूमि मैदान में तब्दील हो रही है। कटाई से पर्यावरण का विनाश हो रहा है। इस तरह बेरोकटोक कटाई होने से वन विभाग के मैदानी अमले की मौन स्वीकृति महसूस की जा सकती है।

सैया भय कोतवाल तो डर काहे का

पसान वन परिक्षेत्र का कर्मचारी बाकायदा अवैध रूप से संचालित ईट भट्टे पर मौका मुआयना करने जाता हैं, पर कोई कार्यवाही आज तक नहीं हुई, इससे यह शंका को बल मिलता है कि विभागीय कर्मचारी भट्टे पर वसूली के लिए जाते हो।