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कोरबा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) कटघोरा :- धनोंदिया परिवार के द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन अग्रसेन भवन कटघोरा में आयोजित किया गया है जिसमे कथा वाचक आचार्य श्री मृदुल कांत जी शास्त्री ने श्रोतागणों को कथा का रसपान कराया आचार्य श्री शास्त्री जी ने कृष्ण जन्म की कथा करते हुए बताया कि एक बार सुखदेव महराज ने राजा परीक्षित को कथा सुनाया की एक बार महराज कंश अपनी बहन देवकी की विवाह से इतना प्रसन्न था कि वह स्वयं ही अपनी बहन देवकी व बहनोई वासुदेव कराकर उन्हें उन्हें अपने बहनोई के राज्य में छोड़ने के लिए निकल पड़ते हैं तभी रास्ते मे आकाशवाणी होती है कि हे कंश तुम जिस बहन से इतना प्रसन्न हो उसी बहन की आठवी सन्तान तुम्हारा काल होगा यह सुन कंश अचंभित रह जाता है और वापसअपने राज्य आकर अपने बहन व बहनोई को कारागार में डाल देने का हुक्म देते हैं कारागार में डालने के बाद कंश अपनी बहन का वध करने का निर्णय लेता है जिसकी जानकारी होने पर वासुदेव कंश से विनती करते हैं कि महराज देवकी को मारकर तुम्हे क्या मिलेगा तुम्हे खतरा उसकी आठवी सन्तान से है मैं तुम्हे वचन देता हूं कि बारी बारी सभी सन्तान की मैं स्वयं तुमारे हवाले कर दूंगा इस पर कंश मांन जाता है और बारी बारी देवकी की पुत्रो की हत्या करने लगा तभी वो घड़ी आई और ठीक रात के 12 बजे स्वयं भगवान नारायण कृष्ण के बाल रूप में देवकी की आठवीं सन्तान के रूप में जन्म लेते हैं जन्म लेने के पश्चात सभी सैनिक मूर्छित हो जाते हैं वासुदेव के हांथो में लगी बेड़ी अपने आप खुल जाती है फिर आकाशवाणी होती है कि वासुदेव इस आठवी सन्तान को तुम गोकुल में नंदलाल के यहां छोड़ आओ व वहां से यशोदा ने जो योग माया रूपी कन्या को जन्मी है उसे ले आओ वासुदेव ठीक वैसा ही करते हैं जैसा कि आकाशवाणी होती है
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उसके पश्चास्त जब कंश को मालूम पड़ता है कि देवकी की आठवीं सन्तान ने जन्म ले लिया है तब उसका वध करने के लिए कारागृह में पहुंचता है मगर जब वासुदेव ने कंश को बताते हैं कि आठवी सन्तान तो लड़की हुई है ये भला तुम्हे कहा मारेगी मगर कंश कहा मानने वाला था उस कन्या रूपी योग माया को मारने की कोशिश करते हैं जैसे ही उसे मारने के लिए ऊपर हवा में उठाते हैं तभी योग माया रूपी कन्या उनके हाँथ से छूट कर हवा में चली जाती है व कंश से कहती है कि हे मूर्ख कंश तुम्हे नही मारने वाली क्योंकि तुम्हे मारने वाला देवकी मैया की कोख से आठवीं संतान के रूप में जन्म ले लिया है व अभी गोकुल में जन्म ले चुका है
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