कोरबा : आचार संहिता का पाली पुलिस उड़ा रही धज्जियां.. दुर्गा पंडालों में 10 बजे के बाद कार्यक्रम पर बंदिश.. ग्रामीण क्षेत्रों में रात भर चलता है पुलिस संरक्षण में गम्मत नाचा.

कोरबा/पाली 21 अक्टूबर 2023 ( सेंट्रल छत्तीसगढ़ ): विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता लागू की जा चुकी है। ऐसे में नवरात्र से लेकर दशहरे का पर्व इस वर्ष आचार संहिता के साये में रहेगा। इसी बीच हर बार की तरह इस बार भी नवरात्र पर्व में ध्वनि विस्तारक यंत्रों के रात 10 बजे के बाद उपयोग नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं। इस बार आचार संहिता की वजह से सख्ती करने की बात प्रशासन द्वारा की जा रही है। रात 10 बजे के बाद किसी भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अनुमति नहीं दी जा रही है। साथ ही सड़कों पर किसी भी हाल में पंडाल नहीं लगाए जा सकेंगे। कलेक्टर ने जगराता में गरबा जैसे आयोजन और डीजे के इस्तेमाल को लेकर भी निर्देश दिए हैं। जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार रात 10 बजे के बाद डीजे या साउंड सिस्टम का इस्तेमाल नहीं हो सकेगा। यदि कोई आयोजन समिति रास गरबा या जगराता का आयोजन करती है, तो इसके लिए एडीएम की अनुमति जरूरी होगी।

लेकिन इसके ठीक विपरीत कोरबा जिले के पाली थाना पुलिस द्वारा आचार संहिता के पालन में बेधड़क से धज्जियां उड़ाई जा रही है। पाली थान्तर्गत सभी पूजा पंडालों में पुलिस द्वारा रात 10 बजे के बाद किसी भी कार्यक्रम की अनुमति नही दी जा रही है बकायदा पुलिस सभी जगहों पर जाकर ध्वनि विस्तारक यंत्रों को बंद कराया जाता है। लेकिन वही ग्रामीण क्षेत्रों में रात भर गम्मत नाचा का कार्यक्रम होते रहता है यही नही बल्कि पुलिस के जवान भी कार्यक्रम का मज़ा लेते सहज ही नज़र आ जाते है। अब सबसे बड़ी बात की कलेक्टर के आदर्श आचार संहिता का पालन कराने के निर्देश का पाली पुलिस पर कोई असर नही दिख रहा है। केवल शहरी क्षेत्रों में ही आचार संहिता का पालन कराया जा रहा है तो वही ग्रामीण अंचल में इसका कोई असर नही देखने को मिल रहा है। कही न कहीं पाली पुलिस अपने इस सवैधानिक कर्तव्य का पालन नही कर पा रही।

यहां यहां यह बताना लाज़मी होगा कि बीती रात लगभग 3 बजे पाली ब्लॉक के ग्राम मादन ,नगोई , में गम्मत नाचा का आयोजन किया गया। जब रात्रि इसकी खबर लगी तो पाली पुलिस को इस विषय मे जानकारी दी गई लेकिन कोई भी पुलिस कर्मचारी कार्यक्रम को बंद करवाने नही पहुंचा, जबकि उक्त स्थान पर पाली पुलिस के कुछ जवान भे दिखे जो बड़े मजे से कुर्सियों में बैठकर गम्मत नाचा का मज़ा ले रहे थे। इससे साफ जाहिर होता है कि जिला कलेक्टर के आदेश का पाली पुलिस पर कोई प्रभाव नही दिख रहा है।