रायपुर (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़): एक तरफ देश कोरोना से जूझ रहा है तो दूसरी तरफ ब्लैक फंगस बीमारी तेजी से फैलती जा रही है. ब्लैक फंगस के बढ़ते केसों ने केंद्र से लेकर राज्य सरकारों की चिंता बढ़ा दी है. देश में ब्लैक फंगस के मामलों में तेजी के बाद खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने इसे नई चुनौती बताया है. राज्यों में ब्लैक फंगस के बढ़ते केसों को देखते हुए केंद्र ने राज्यों से इसे महामारी घोषित करने को कहा है. लेकिन छत्तीसगढ़ में अब तक ब्लैक फंगस को महामारी घोषित नहीं किया गया है. छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस के अब तक 100 से ज्यादा मामले सामने आए हैं. ब्लैक फंगस को महामारी घोषित करने को लेकर अब तक छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री की तरफ से कोई प्रतिक्रिया भी सामने नहीं आई है.
अब तक 6 से ज्यादा राज्यों ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित किया है. जिनमें ये राज्य शामिल हैं.
- गुजरात
- राजस्थान
- पंजाब
- हरियाणा
- तेलंगाना
- तमिलनाडु
- उत्तर प्रदेश
- चंडीगढ़ (केंद्र शासित प्रदेश)
महामारी घोषित होने के बाद क्या होता है ?
बता दें कि जो राज्य किसी बीमारी को महामारी घोषित करती है. फिर उन्हें केस, इलाज, दवा और बीमारी से होने वाली मौत का हिसाब रखना होता है. साथ ही सभी मामलों की रिपोर्ट चीफ मेडिकल ऑफिसर को देनी होती है. इसके अलावा केंद्र सरकार और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर की गाइडलाइन्स का पालन करना होता है.
ब्लैक फंगस को लेकर अलर्ट
केंद्र सरकार लगातार राज्यों को ब्लैक फंगस बीमारी को लेकर अलर्ट कर रहा है. छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस जानलेवा बनता जा रहा है. अब तक प्रदेश में इस बीमारी से तीन लोगों की मौत हो चुकी है. इसके बावजूद केंद्र के कहने के बाद भी इस बीमारी को अब तक महामारी घोषित नहीं किया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के ज्वॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने राज्यों से कहा कि ‘ब्लैक फंगस इंफेक्शन के केस बहुत ज्यादा बढ़ रहे हैं और इससे कोरोना मरीजों की मौतों की संख्या भी बढ़ रही है. अब यह हमारे सामने एक नई चुनौती है. ये खास तौर से उन मरीजों में दिखाई दे रहा है, जिन्हें स्टेरॉयड थेरेपी दी गई है और जिनका शुगर लेवल अनियंत्रित है’.