कुपोषण मुक्ति के संकल्प के साथ राष्ट्रीय पोषण माह का आगाज जिले की सभी दस परियोजनाओं के आंगनबाड़ी केन्द्र में पोषण गतिविधियों का आयोजन


कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़):- गर्भवती एवं शिशुवती माताओं को कुपोषण एवं एनीमिया से बचाने सितंबर माह की राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। पोषण माह के दौरान जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर गर्भवती एवं शिशुवती माताओं को जागरूक करते हुए पोषण आहार का वितरण कर रही है। जिले के सभी 10 परियोजनाओं बरपाली, चोटिया, हरदीबाजार, करतला, कटघोरा, कोरबा शहरी एवं ग्रामीण, पाली, पसान तथा पोड़ी-उपरोड़ा के आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण आधारित गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी ने बताया कि पोषण माह के पहले दिन जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों में जनप्रतिनिधियों, परियोजना अधिकारी, महिला पर्यवेक्षकों, आंगनबाड़ी सहायिकाओं की उपस्थिति में लोगों को पोषण के प्रति जागरूक करने साइकल एवं बाईक रैली निकाली गई तथा मैराथन दौड़ का आयोजन किया गया। पोषण माह के दूसरे दिन आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका स्थापित करने के लिए प्रशिक्षण दिया गया। पोषण से भरपूर शाक-सब्जियों की प्रदर्शनी लगाकर गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं को सब्जियों में पाए जाने वाले जरूरी पोषक तत्वों के बारे में जानकारी दी गई। इस दौरान जिले में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषक तत्वों से भरपूर भाजी एवं सब्जियों का रोपण भी किया गया। पोषण सप्ताह के दूसरे दिन आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार की थीम पर फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

बालिका ने आहार थीम पर फैंसी ड्रेस पहन कर पोषण पांच सूत्रों के लिए किया जागरूक –

एकीकृत बाल विकास परियोजना पाली के अन्तर्गत रंगोले गांव के आंगनबाड़ी केन्द्र में बालिका ने मुनगा के पत्तों से बनी ड्रेस पहनकर गर्भवती एवं शिशुवती माताओं एवं बच्चों को पोषण के पांच सूत्रों के प्रति जागरूक किया। पोषण के पहले सूत्र में बताया गया कि गर्भावस्था से लेकर शिशु के जन्म के दो वर्ष तक का समय अर्थात् एक हजार दिन शिशु के पोषण के लिहाज से महत्वपूर्ण होता है। पोषण के दूसरे सूत्र में शिशुओं को दस्त से बचाव के लिए ओ.आर.एस. घोल पिलाने का संदेश दिया गया। पोषण के तीसरे सूत्र के अन्तर्गत सम्पूर्ण पोषण के लिए पौष्टिक सब्जियों एवं फलों का सेवन करने का संदेश दिया गया। पोषण के चौथे सूत्र में गर्भवती एवं शिशुवती माताओं को एनीमिया से बचाव के लिए आयरन युक्त भोजन लेने की सलाह दी गई है। पोषण के पांचवे सूत्र के अन्तर्गत खान-पान को लेकर स्वच्छता एवं सफाई बरतनें के सन्देश दिए गए। पोषण माह के दूसरे दिन जिले के दो हजार 324 आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण आधारित विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया और जिले को कुपोषण मुक्त करने की दिशा में जागरूकता का प्रसार किया गया।