कालीचरण महाराज के विवादित बयान पर राजनीति, बृजमोहन अग्रवाल ने CM बधेल पर साधा निशाना


रायपुर(सेंट्रल छत्तीसगढ़):- 
कालीचरण महाराज के धर्म संसद में दिए (Controversial statement of Kalicharan Maharaj in Dharma Sansad) विवादित बयान (controversial statement of Kalicharan ) पर राजनीति तेज हो गई है. प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इसकी निंदा की. हालांकि संत के विवादित बयान के पेच में वो खुद भी फंस गए हैं. हर ओर एक ही सवाल है कि आखिरकार सीएम बघेल ने इस पर अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की. रायपुर दक्षिण विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने प्रेस वार्ता कर एक बार फिर मुद्दे को लेकर बघेल सरकार को घेरने का प्रयास किया

बृजमोहन अग्रवाल का सीएम बघेल पर निशाना

विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने धर्म संसद में विवादित बयान पर कहा कि मुख्यमंत्री के पिताजी प्रभु राम के बारे में बोलते हैं. ब्राह्मणों के खिलाफ बोलते हैं, धर्म के खिलाफ बोलते हैं. तब तो उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आती है. इस मामले में भूपेश बघेल को बोलने का कोई अधिकार ही नहीं है. उन्होंने बघेल सरकार को घेरते हुए कहा कि धर्म संसद के आयोजक कौन हैं? इसकी पूरी व्यवस्था किसने की थी? इसकी जानकारी निकालें. ये जो नीलकंठ समिति है, उसके जो प्रमुख हैं. वह किस पार्टी से जुड़े हैं इसकी जानकारी निकालें. निश्चित रूप से महात्मा गांधी इस देश के आदर्श हैं. इस देश के महापुरुष हैं. उनके विरुद्ध में ऐसा बोलना उचित नहीं है.

ओमीक्रोन को लेकर जताई चिंता

कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रोन को लेकर बृजमोहन अग्रवाल ने प्रदेश सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि जब एक बार फिर कोरोना का विस्फोट होगा, तब राज्य सरकार की नींद खुलेगी

आंकड़े छुपाने का लगाया आरोप

बृजमोहन अग्रवाल ने कोरोना काल के दौरान बघेल सरकार पर आंकड़े छिपाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि हजारों लोग ऐसे हैं, जो अस्पताल तक भी नहीं पहुंच पा रहे हैं. अभी जो नए साल की तैयारियां हो रही है. जब प्रदेश में कोरोना विस्फोट हो जाएगा, मामला बढ़ जाएगा, भीड़ इकट्ठा होगी. क्या तब यह सरकार कार्रवाई करेगी? देश के बहुत सारे राज्यों में नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है. लेकिन सरकार बड़े-बड़े आयोजन में व्यस्त है.

धान खरीदी को लेकर घेरा

बृजमोहन अग्रवाल ने धान खरीदी को लेकर कहा कि बारदाना उपलब्ध कराना केंद्र की जिम्मेदारी है ही नहीं. ये राज्य सरकार का दायित्व है. लेकिन सरकार ने कोई व्यवस्था न करते हुए केन्द्र पर बारदाने की कमी का आरोप थोप दिया. छत्तीसगढ़ की सरकार को धान कम से कम खरीदना पड़े, इसलिए व्यवस्थाओं को लचर बना कर रखा है.