कवर्धा( सेंट्रल छत्तीसगढ़) कस्टडी में युवक की मौत मामले में आबकारी विभाग के उपनिरीक्षक लीना सिंह पर एफआईआर दर्ज किया गया है. आबकारी विभाग के कस्टडी में आदिवासी युवक ने आत्महत्या कर लिया था. मामले में जांच के निर्देश दिए गए थे. जांच में दोषी पाए जाने पर डेढ़ साल बाद आबकारी अधिकारी पर कार्रवाई की गई है. मामले में केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है. इसकी जानकारी एसपी शलभ कुमार सिन्हा ने दी है.
कस्टडी में मौत केस में कार्रवाई
क्या है पूरा मामला ?
घटना 24 जुलाई 2019 का है. आबकारी विभाग के छीरपानी कॉलोनी के आबकारी कंट्रोल रूम में एक युवक हरिचंद मेरावी ने फांसी लगा ली थी. युवक ने कंट्रोल रूम के बाथरूम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. मौत के बाद मामला काफी तुल पकड़ा था. जिसे देखते हुए मंत्री मोहम्मद अकबर ने उपनिरिक्षक लीना सिंह और आरक्षक लोकेश नेताम, नगर सैनिक मनोज ओगरे को निलंबित करने का आदेश प्रशासन को दिए थे. साथ ही मामले की न्यायिक जांच कर दोषी पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे. घटना के करीब डेढ़ साल बाद 10 अप्रैल 2021 को केस दर्ज करने का निर्देश दिया गया है. सीटी कोतवाली थाने में आबकारी उपनिरिक्षक लीना सिंह के खिलाफ धारा 304 का मामला दर्ज किया गया है.
ऐसे हुई थी कार्रवाई
23 जुलाई 2019 की शाम को बेंदा गांव में आबकारी उपनिरीक्षक लीना सिंह और अन्य स्टाफ ने छापेमारी की थी. शराब की अवैध बिक्री के आरोप हरिचंद मेरावी को घर से उठाया गया था. शाम को पूछताछ किया गया और दूसरे दिन भी पूछताछ के लिए उसे आबकारी नियंत्रण कक्ष में रखा गया था. दूसरे दिन सुबह 7 बजे नहाने की बात कहकर युवक बाथरूम गया, लेकिन काफी देर तक बाहर नहीं आया.
युवक को ज्यादा समय तक बाथरूम में रहने पर, वहां मौजूद आरक्षक ने आवाज लगाई. इसपर कोई जवाब नहीं मिला तो दरवाजा खोलने की कोशिश की गई, लेकिन दरवाजा अंदर से बंद था. आरक्षक ने खिड़की से जाकर देखा तो युवक गमछे के सहारे फांसी पर झूल चुका था. जिससे उसकी मौत हो चुकी थी. घटना के बाद स्थानीय लोगों ने जमकर हंगामा किया था. साथ ही पुलिस पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए थे. जिसके बाद मामले में जांच के आदेश दिए गए थे. जिसके तहत कार्रवाई की गई है.