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कोरबा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : हसदेव बचाओ आंदोलन लगातार बड़ा स्वरूप लेते जा रहा है। रविवार को आदिवासी समाज द्वारा बिलासपुर से निकली लगभग 200 लोगों की बाइक रैली कटघोरा पहुंची। इस दौरान गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेश महामंत्री शरद देवांगन तथा वरिष्ट नेता लाल बहादुर कोराम तथा छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के पदाधिकारीगण और कटघोरा के लोगों के द्वारा हसदेव अरण्य बचाओ आंदोलन रैली का स्वागत किया गया। तथा इस हसदेव अरण्य बचाओ रैली को अपना समर्थन देने मौके पर पहुंचे भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मंत्री व प्रदेश प्रवक्ता केदार कश्यप भी मौजूद रहे। गोंगपा व छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के द्वारा हांथो मैं तख्ती लेकर प्रदेश सरकार को
भाजपा के पूर्व मंत्री ने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ हसदेव क्षेत्र के निवासियों की नहीं है यह लड़ाई कोरबा जिले और छत्तीसगढ़ के आदिवासी भाइयों और सभी नागरिकों तथा पूरे छ्त्तीसगढ़ की है क्योंकि यदि हसदेव के जंगल उजाड़े जाएंगे तो बिलासपुर, कटघोरा, कोरबा व जांजगीर चांपा का बड़ा क्षेत्र प्रभावित होगा। भूजल स्तर रसातल में चला जाएगा, शहरी क्षेत्र में नागरिकों के लिए पेयजल आपूर्ति प्रायः समाप्त हो जाएगी।
श्री कश्यप ने कहा कि हसदेव के जंगलों को बचाने के लिए सभी नागरिक एकजुट हो गए हैं। रैली में नागरिकों ने शासन को बता दिया कि उसे जनता की मांगों को मानना ही होगा। निरस्त नहीं करने पर आंदोलन लंबे समय तक चलेगा। इस लिए हर तरह के संघर्ष करना पड़ेगा तब भी करेंगे। समय रहते सरकार अपना निर्णय वापस ले ले। अन्यथा आने वाला समय मे सरकार को खमियाजा भुगतना पड़ सकता है। जनता के आक्रोश को कम न आके। किसी भी हालत में हसदेव के जंगल को काटने नहीं दिया जाएगा।
दरअसल, इस क्षेत्र में घने जंगलों के साथ ही हाथियों का रहवास है। मध्यभारत के फेफड़े के रूप में पहचान रखने वाले हसदेव क्षेत्र में लाखों पेड़ों के कटने से भविष्य में प्रदेश में पानी का संकट बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। बता दें कि इस क्षेत्र में कोयला खदान शुरू होनेा है। कंपनी यहां लाखों पेड़ों की कटाई करने जा रही है, जबिक इस क्षेत्र के लोगों के साथ ही देश- विदेश में यहां पेड़ों की कटाई का विरोध किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर भी पेड़ों की कटाई के विरोध में मुहिम चलाई जा रही है।
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