कोरबा/कटघोरा (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की ओर से 26 सूत्रीय लंबित मांगों को लेकर राज्य के स्वास्थ्य कर्मचारी 11 अप्रैल सोमवार से तीन दिवसीय हड़ताल पर है। वही इस दौरान इमरजेंसी सेवाएं जारी है व अन्य स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई है। बता दें कि ड्राइवरों के हड़ताल पर जाने से एम्बुलेंस सेवा भी बंद है। स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के कोरबा जिलाध्यक्ष एम एस चौहकन ने बताया कि 26 सूत्रीय मांगों को लेकर स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार किया है। इसमें वेतन विसंगति, नियमितीकरण, 10 प्रतिशत वेतन में प्रतिवर्ष बढ़ोतरी, महंगाई भत्ता, लंबित 70 प्रतिशत डीए का लाभ के अलावा पुलिस जैसे 13 माह का वेतन देने की मांग की गई है।
छ्त्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष एम एस चौहान ने बताया कि तीन दिन के लिए सभी स्वास्थ्य कर्मचारी कार्य बहिष्कार कर आकस्मिक अवकाश लिए हैं। इसमें कटघोरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के भी चिकित्सक, स्टाफ़ नर्स, नेत्र सहायक अधिकारी, लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट और चतुर्थ वर्ग कर्मचारी शामिल है। इस दौरान इमरजेंसी सेवा जारी रहेगी, इसको बाधित नहीं किया गया है। अन्य स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई है। इस आंदोलन में जीवन दीप एवं संविदा कर्मचारी के अलावा आयुर्वेद कर्मचारी भी शामिल हैं।
सिर्फ 17 फीसदी मिल रहा महंगाई भत्ता
पूर्व जिलाध्यक्ष सी आर लहरे ने बताया कि प्रदेश में सिर्फ 17 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है। वहीं केंद्र व अन्य राज्यों में 34 फीसदी दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है। बढ़ती महंगाई से अधिकारी व कर्मचारियों के बजट पर भार पड़ रहा है। प्रतिदिन पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के बढ़ते दाम ने सभी चीजों के भाव बढ़ा दिए हैं। वहीं अधिकारी व कर्मचारियों को महंगाई भत्ता अन्य प्रदेशों से भी कम मिल रहा है। कोविड काल में लगातार सेवा करने के बावजूद अतिआवश्यक सेवा के स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की अन्य मांग सभी कैडरों की वेतन विसंगति दूर करने और पुलिस विभाग की तरह 13 माह का वेतन स्वास्थ्य कर्मचारियों को देने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से स्वास्थ्य कर्मचारी संघ कर रहा है। प्रदेश में सभी विभाग के अधिकारी व कर्मचारी 5 दिवस कार्य करते हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी 7 दिवस 24 घंटे कार्य कर रहे हैं।
जीवनदीप समिति कर्मियों को किया जाए नियमित
स्वास्थ्य कर्मचारियों की अन्य मांगों में जीवन दीप समिति के कर्मचारियों को नियमित करने और संविदा प्रथा समाप्त कर सभी संविदा कर्मचारियों को नियमित पदों के अनुरूप समायोजन और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों को नियमित रूप से नियुक्त करने की है। संगठन की ओर से जिला अस्पताल सहित जीवन दीप समिति और नियमित व संविदा कर्मियों ने समर्थन दिया।
यहां पड़ेगा असर
तीन दिवसीय हड़ताल का असर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कटघोरा, पोंडी उपरोड़ा के साथ साथ उपस्वास्थ्य केंद्र जड़गा, पसान, सुतर्रा तथा पूरे कोरबा जिले में नजर आई। आस्पतालों के स्टाफ नर्से, फार्मासिस्ट रेडियोग्राफर, लैब टैक्नीशियन, नेत्र सहायक, अधिकारी, डेसर, वार्ड वाय, आया, बीईईटीओ, सुपरवाइजरो, स्वास्थ्य संयोजक, संयोजिका, एलएचव्ही, ओटी अटेंडेंट, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, लिपिकीय वर्ग, मलेरिया सुपरवाइजरों, टैक्नीशियन, ड्राइवरों, संविदा कर्मचारियों, एनएचएम के कर्मियों, जीवन दीप समिति के कर्मियों के हड़ताल में जाने फार्म भर दिया है। जिससे रोजमर्रा की ओपीडी में दवा वितरण, आंखों की जांच, ड्रेसिग कार्य, माइनर और मेजर आपरेशन, लैब संबंधित समस्त जांच, रिपोर्ट और रिकॉर्ड, कोविड जांच, सैंपलिंग जैसी अहम सेवाएं प्रभावित होंगी।