कोरबा (सेंट्रल-छत्तीसगढ़)आशुतोष शर्मा / कटघोरा :- कटघोरा के आसपास वनांचल क्षेत्र होने से कटघोरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अस्पताल में सुबह से ही इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीज हलकान हो रहे हैं। ओपीडी और इमरजेंसी वार्ड को आयुर्वेद डॉक्टरों के भरोसे तथा संविदा में नियुक्त MBBS डॉक्टरों के भरोसे छोड़े जाने से मरीजों को इलाज बगैर निराश लौटना पड़ा। कटघोरा अस्पताल में इलाज के लिए मरीजों के पहुंचने का क्रम अन्य दिनों की तरह सुबह से ही जारी रहा। डॉक्टरों ने गुरुवार को दोपहर तक समय दे रखा था कि तीन बजे तक सरकार उनकी मांगों के बारे में विचार करती है तो वे काम पर रहेंगे। ड्यूटी पीरियड में होने के बाद डॉक्टर नए मरीजों का इलाज करने से बचते रहे। पुराने मरीजों के ही इलाज की औपचारिकता जारी रही। रूटिन चेकअप के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं को बाद में आने का राह दिखाया गया। डॉक्टर्स के नहीं रहने से अब व निजी अस्पताल जाने पर मजबूर हैं। पहले से डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे अस्पताल में गिनती के विशेषज्ञ हैं। उनके भी भी हड़ताल पर चले जाने से अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। अस्पताल में वैकल्पिक व्यवस्था के तौर आयुर्वेदिक एवं संविदा पर दो डॉक्टर बैठे है। इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीज डॉक्टर बदल जाने से वापस हो गए। अन्य दिनों की तरह पुरुष और महिला वार्ड में रूटिन चेकअप के लिए रात के समय डॉक्टर नहीं पहुंचे। भले ही अन्य दिनों की अपेक्षा मरीजों की उपस्थिति कम थी लेकिन दूरदराज से पहुंचने वाले मरीजों के लिए बिना इलाज वापस लौटना परेशानी का सबब बना रहा…