कटघोरा: साइबर ठगी के खिलाफ “साइबर संगवारी” की पहल.. पुलिस की टीम गांव-गांव देगी दस्तक.. सार्वजनिक संस्थानों में चस्पा होंगे पाम्पलेट.

कटघोरा (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़) हिमाशु डिक्सेना : – हर साल सैकड़ों लोग साइबर ठगी के शिकार महज इसलिए हो जाते हैं कि उनको इंटरनेट और सायबर क्राइम से जुड़ी जानकारी नहीं होती है। और न ही सतर्क होते हैं। ऐसे लोगों में सायबर क्राइम, इंटरनेट से जुड़ी सेवाओं की जानकारी देने के लिए कटघोरा थाना प्रभारी अविनाश सिंह एवं पुलिस टीम की ओर से साइबर क्राइम से बचने अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत पुलिस की टीम शहर से लेकर गांव-गांव तक जा रही है। और लोगों को साइबर ठगी, सोशल मीडिया के साइड इफैक्ट, इंटरनेट से जुड़ी सेवाओं का उपयोग आदि की जानकारी देते हुए अपराध से बचने के लिए जागरूक कर रहे हैं।

थाना प्रभारी अविनाश सिंह ने बताया कि उनके द्वारा सायबर क्राइम से सावधानी बरतने फ्लेक्स के माध्यम से लोगों को जानकारी दी जा रही है साथ कटघोरा शहर में बैंक, ATM के बाहर साथ ही कटघोरा थानांतर्गत लगभग 64 गावों में फ्लेक्स चस्पा कर उसमें दिए निर्देशों का पालन करने की समझाइश दी जा रही है. तथा सोशल मीडिया के माध्यम से थाना प्रभारी का मोबाइल न और थाना कब कंट्रोल रूम के न से लोगों को किसी भी प्रकार की सायबर संबंधित घटना की तत्काल जानकारी देने की समझाइश दी जा रही है.

उल्लेखनीय है कि शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण इलाकों में सायबर क्राइम को लेकर जागरूकता की भारी कमी है। इस कारण लोग सायबर की ठगी का शिकार होते हैं। इसलिए सायबर संगवारी अभियान के चलते उन्हें जागरूक किया जा रहा है। इसके अलावा फ्रेंड्स ऑफ पुलिस अभियान के तहत कॉलोनियों और मोहल्लों में बैठक लेकर लोगों को पुलिस से जोड़ा जा रहा है। उनकी समस्याएं सुनी जा रही है।

■ साइबर ठगी से बचने यह न करें :

● अपने एटीएम कार्ड का नंबर, सीवीवी नंबर किसी को न बताएं।


● मोबाइल पर आने वाले ओटीपी को किसी को न बताएं।

● मोबाइल-कंप्यूटर पर आने वाले किसी अनचाहे लिंक को क्लीक न करें।


● एटीएम मशीन का इस्तेमाल करते समय किसी अनजान व्यक्ति की मदद न लें।

●ऑनलाइन खरीदी-बिक्री के समय बिना जान-पहचान के रकम का लेनदेन न करें।


● किसी अजनबी से सोशल साइट फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्वीटर पर दोस्ती न करें।

-ओएलएक्स पर खरीदी बिक्री के समय एडवांस पेमेंट न करें।
-गूगल में ऑनलाइन दिखाई देने वाले संपर्क नंबर पर कॉल करके मदद न लें।

●कभी भी लॉटरी-ईनाम ईमेल का रिप्लाई न करें।


●किसी अनजान के कहने पर कोई ऑनलाइन ट्रांजेक्शन न करें।

● वाहन बेचते समय किसी अनजान व्यक्ति को अकेले टेस्ट ड्राइव न करने दें।


● एडवांस बुकिंग के नाम पर ऑनलाइन पेमेंट स्वीकार न करें।

● पेटीएम, फोनपे, गूगल पे आदि ऑनलाइन गेटवे पर रिक्वेस्ट मनी पेमेंट को कदापि स्वीकार न करें।


● फोन के माध्यम से किसी के कहने पर कोई भी एप या एप्लीकेशन डाउनलोड न करें।

● अपने किसी भी सोशल साइट एकाउंट जैसे फेसबुक, ईमेल आईडी आदि का पासवर्ड किसी को न दें।


● सायबर कैफे में इंटरनेट बैकिंग का प्रयोग न करें।

● पेटीएम में केवायसी के नाम पर मैसेज आ रहे हैं, तो यह भी ऑनलाइन धोखाधड़ी का नया तरीका है। उन्हें रिप्लाई न करें।


● नौकरी डॉटकॉम पर मैसेज या क्लीक करने से पहले वेबसाइट की सत्यता की जांच कर लें।

● ज्यादातर खरीदी-बिक्री वाली वेबसाइट या पेमेंट के लिए फर्जी वेबसाइट व कस्टमर केयर नंबर का उपयोग किया जा रहा है। यादि कस्टमर केयर का नंबर १८०० से प्रारंभ न हो रहा, तो रिप्लाई न करें।


● विदेशी युवक बनकर कोई फेसबुक में फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजता है, तो उसे स्वीकार न करें। महंगे गिफ्ट देने के नाम पर ठगी कर सकते हैं।

■ ठगी से बचने यह करें

● ठगी का शिकार होते ही आरबीआई की ऑफिशियल वेबसाइट में ऑनलाइन शिकायत करें।

● भारत सरकार की सायबर क्राइम की अधिकारिक वेबसाइट में भी शिकायत करें।


● ठगी होने के तत्काल बाद अपने करीबी थाना या सायबर सेल में सूचना दें।

● ओएलएक्स में खरीदी-बिक्री करते समय संबंधित व्यक्ति से मिलकर ही लेन-देन करें।


● ऑनलाइन सामान खरीदने पर यदि विक्रेता कोरियर स्लीप भेजता है, तो स्लीप की जांच-पड़ताल कर लें।

● विश्वसनीय वेबसाइट से ही खरीदी करना चाहिए।