कोरबा (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ):– कटघोरा वन मंडल एक बार फिर दो बाबुओं के कारण सुर्खियों में है.. दरअसल कटघोरा वन मंडल कार्यालय के व्यय शाखा मे पदस्थ बडे बाबु और और उसी शाखा मे पदस्थ दैनिक वेतन भोगी कम्प्यूटर आपरेटर सुभम जायसवाल की कारगुजारियों का चिठ्ठा खुलने के बाद विभाग मे हडकंप सा मच गया है.
जब दिनांक 03 मई को सुबह जडगा परिक्षेत्र के प्रभारी रेंजर सत्तु लाल जायसवाल को किसी ने वाट्सएप पर धमकी भरा मेसेज किया और रूपये की मांग की जिसके बाद प्रभारी रेंजर ने डीएफओ शमाँ फारूकी से मिलकर इसकी शिकायत की जिसके बाद मामले को डीएफओ ने तुरंत संज्ञान लेते हुये विभागीय बाबू से पुछताछ की व जांच टीम का गठन किया गया.
बताया जा रहा है की कटघोरा वनमंडल मे व्यय शाखा मे पदस्थ बाबू शुभम जायसवाल द्वारा विभाग की गोपनीय जानकारी को बाहर कर आरटीआई कार्यकर्ता को दिया जा रहा था और उनसे भी साँठगाँठ कर लंबी कमाई की जाती थी.
पर्दाफाश होने पर और बड़ा खुलासा होने की आशंका
साथ ही सुत्रो से मिली जानकारी अनुसार व्यय शाखा का बडा बाबू और कम्प्यूटर आपरेटर शुभम जायसवाल वनमंडल के अधिकतर निर्माण कार्य को ठेके मे लेकर ठेकेदारी कर रहे है… व विगत दस वर्षों से कटघोरा वनमंडल के करोडो रूपये के निर्माण कार्य सप्लाई कर बडा खेल किया जाता रहा है. इस मामले के उजागर होने दोनों कर्मचारियों की जांच होने पर विभाग में भ्रष्टाचार का और गंभीर मामला उजागर होने की आशंका है.
डिप्टी रेंजरों के भरोसे चल रहा कटघोरा वन मण्डल
सुत्रो ने बताया की भ्रष्टाचार मे लिप्त दोनो बाबू के खिलाफ विभागीय जांच के साथ स्थानांतरण की कार्यवाही भी शुरू हो गई है बताया जा रहा की विभागीय जानकारी को लीक कर वसुली का आधा हिस्सा बाबुओं को मिलता था इसी वजह से एक एक कर रेंजरो ने अपना तबादला करा लिया जिसकी वजह से अब कटघोरा वन मंडल सिर्फ डिप्टी रेंजरो के भरोसे पर चल रहा है
वही पाली रेंज से भी जानकारी को लीक कर भयादोहन से इस आई पी योजना की जानकारी लिक करवाकर बाबुओं ने करीब दस लाख की वसुली की थी मामले के उजागर होने के बाद से विभाग मे हडकंप मचा हुआ है.