कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़): कई प्रकार के नियम केवल कागजों में ही अच्छे लगते हैं और वास्तविकता से उनका कोई लेना-देना नहीं होता। जिले के कटघोरा नगर में वाहनों की आवाजाही के मामले में कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। रात होने के साथ वाहन चालक नियम भूल जाते हैं और शहर के बीच से वाहन दौड़ाते हैं।यह बात अलग है कि समस्याओं को देखते हुए कोरबा-अंबिकापुर और बिलासपुर के लिए कटघोरा के बाहरी हिस्से से बायपास बनाया गया है और कई करोड़ रुपए इस पर खर्च किये गए हैं।
मकसद यह है कि भारी वाहनों को शहर में प्रवेश दिए बिना उन्हें गंतव्य के लिए भेजा जा सके। नागरिक बताते हैं कि दिन में इस तरह के नियमों का पालन करने में रूचि दिखाई जाती है लेकिन रात होने के साथ एक तरह से यह सब हवा-हवाई हो जाता है। रात में शहर के मध्य क्षेत्र होकर ऐसे राखड़ वाले वाहन सहित अन्य मालवाहक गुजरते हैं। इससे हो यह रहा है कि अरसे बाद ठीक हुई कटघोरा की सड़क कबाड़ हो रही है और उससे उठने वाली धूल नागरिकों के लिए सिरदर्द बनती जा रही है। वाहनों की आवाज के कारण भी परेशानियां बढ़ रही है। लोगों ने इस बारे में प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया है और कहा है कि रात्रिकालीन निगरानी इस मामले में होना चाहिए ताकि राहत मिल सके।