कटघोरा में कांग्रेस जनों ने धरना प्रदर्शन करते हुए गिरफ्तारियां दी

कटघोरा /आशुतोष शर्मा

सीडी कांड मामले में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल को न्यायिक हिरासत में लिया जाने एवं सीबीआई द्वारा प्रताड़ित किए जाने के मामले में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी कटघोरा के तत्वाधान आज जयस्तंभ कटघोरा में 150 कांग्रेस जनों ने धरना प्रदर्शन करते हुए गिरफ्तारियां दी।
उक्त कार्यक्रम में कटघोरा विधानसभा के समन्वयक प्रशांत मिश्रा, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी कटघोरा के अध्यक्ष अशरफ मेमन ,जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष नरेश देवांगन, जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री सुरेश शर्मा ,बिसेसर अग्रवाल, छतर पाल सिंह कंवर ,पवन शर्मा ,पवन जयसवाल ,शेख इश्तियाक ,महिला कांग्रेस की अध्यक्ष श्रीमती भावना जायसवाल, जनपद अध्यक्ष श्रीमती लता कंवर ,नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष रतन, मित्तल छुरी नगर पंचायत के अध्यक्ष अशोक देवांगन, राजू लखन पाल ,संजय अग्रवाल, दारा सिंह मरकाम, सत गढ़ कवर समाज के अध्यक्ष छत्रपाल सिंह कंवर ,विनोद कुमार अग्रवाल ,लालबाबू सिंह ठाकुर, अशोक दुबे, महिपाल दास ,हसन अली ,अमन हसन ,राज जैसवाल, घनश्याम अलवानी, डॉ देवेंद्र कौशिक, अंजुला दुबे ,राधा महंत ,प्रेमलता कंवर, मनीष अनंत, कलाम भाई, हनीफ भाई ,रामप्रसाद कंवर ,रमेश पटेल ,विजय देवांगन ,शिव पटेल, देव रत्नाकर ,दुर्गा प्रसाद प्रजापति ,संतोष जयसवाल ,सुमित दुहलानी, महिपाल दास महंत ,अगस्त पटेल, शिव पटेल, शंकर श्रीवास, कैलाश महंत, भुवन यादव गोकुल देवांगन सहित सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी उपस्थित होकर कार्यक्रम में धरना देते हूए नारेबाजी करते हुए मुख्य मार्ग से थाने की ओर आगे बढ़ते ही कटघोरा पुलिस ने सभी कांग्रे जनों को गिरफ्तार कर लिया तथा पर रिहा किया।

वरिष्ठ कांग्रेसी जनों ने अपने उद्बोधन में मुख्य रूप से सीबीआई और सीडी कांड के संबंध में निम्नलिखित बातें अपने उद्बोधन में कहीं जिसमें प्रशांत मिश्रा नरेश देवांगन अशरफ में मन में निम्न बातें कही।
जब कैलाश मुरारका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फोटो खिंचवा रहा था और 30 साल तक भारतीय जनता पार्टी का सदस्य था तब ऐसे में यह लाजमी था कि कैलाश मुरारका के खिलाफ मामला कमजोर से कमजोर बनाया जाता और सीबीआई ने तोते की भांति रमन सिंह और नरेंद्र मोदी के हर बात का पालन किया है। जब सीबीआई को कैलाश मुरारका के बारे में और उसके द्वारा किए गए कृत्य के बारे में पता चल गया तब ऐसे क्या कारण थे कि कैलाश मुरारका के खिलाफ सबूत इकट्ठे नहीं किए गए?

ऐसे क्या कारण थे कि कैलाश मुरारका को ₹7600000 देकर नकली सीडी बनवाना पड़ा?

यदि नकली सीडी बनवाने में 76 लाख कैलाश मुरारका खर्च किया तो क्या यह पैसा ऐसा रमन सिंह का था और इस संदर्भ में जांच क्यों नहीं की गई?

इसके अलावा यह भी आवश्यक वस्तु है की कैलाश मुरारका ने विभिन्न स्थानों पर यह बातें डिक्लेयर कर दी है कि उसके पास नारको सीडी केस एवं अन्य सीडी केस हैं जिसको भाजपा के नेताओं ने बनवाया था। क्या सीबीआई ने भाजपा नेताओं तक पहुंचने का प्रयास किया क्या?

क्या सीबीआई स्वतंत्र संस्था के रूप में काम कर रही है?

प्रश्न यह भी उत्पन्न होता है कि कैलाश मुरारका को सीबीआई ने कभी भी गिरफ्तार करने का प्रयास क्यों नहीं किया?

यह भी प्रश्न उत्पन्न होता है कि कैलाश मुरारका ने ही जब सीबीआई को यह भी बता दिया कि उसके पास सीडी है जिसमें एक बड़े नेता के पुत्र की भी सीडी है तब उनके संबंध में सीबीआई ने कोई जांच नहीं की??

सीबीआई कैलाश मुरारका को सेफ पैसेज क्यों देना चाह रही थी जिससे वह बिना जेल जाए जमानत पर रिहा हो सके।

जबकि दूसरी ओर जिस नेता ने अर्थात भूपेश बघेल ने सीडी नहीं बनाया है उन्हें जेल तक भेजने का प्रयास और सफलता भी गवर्नमेंट ने प्राप्त कर लिया।

*सवाल यह उत्पन्न होता है कि सरकार ने भूपेश बघेल को जेल का रास्ता दिखाया और कैलाश मुरारका के लिए जेल ना जाने का रास्ता भी बनाया।*

ऐसा क्यों यह षड्यंत्र क्या बताता है जब भूपेश बघेल एवं कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने रिंकु खनूजा के आत्महत्या के संदर्भ में फॉरेंसिक वैज्ञानिकों के साथ घटनास्थल का निरीक्षण विधायक दल ने किया और वह आत्महत्या नहीं है, पूर्ण रूप से हत्या है और इस बात की भी पुष्टि की है तो सीबीआई को किसने रोका था कि हत्या की जांच ना करें?

यदि रिंकु खनूजा की हत्या या आत्महत्या हुई है तो इस संदर्भ में सीबीआई ने अपने चालान में शांति क्यों बनाए रखी है? सीबीआई के इस बड़े नेता को भाजपा के बचाना चाहती है प्रश्न यह भी उत्पन्न होता है कि सीडी बनाने वाला व्यक्ति भाजपा का सीडी को सर्कुलेट करने वाला व्यक्ति भाजपा का उन दोनों को सरकार ने कभी भी गिरफ्त में लेने की प्रयास नहीं की क्योंकि मामला पूरा झूठा था और भूपेश बघेल तथा विनोद वर्मा ने जो सच्चाई जनता के सामने लाई, उससे भाजपा सरकार पूरी तरह से डरी हुई थी उसने आनन-फानन में जब यह मामला दर्ज कर लिया तब उन्हें अंदाज हुआ कि इसमें भाजपा के ही नेता गिरफ्त में आने वाले है.

उसी दिन से भाजपा नेताओं ने विशेषकर मुख्यमंत्री ने इस पूरे मामले को एक नई दिशा देने का प्रयास किया जिसके तहत फर्जी गवाह तैयार किए गए फर्जी कहानी गढ़ी गई एवं फर्जी गिरफ्तारी आज को कथित रूप से किया गया और ब्लैकमेल करने वाले व्यक्ति को विनोद वर्मा के रूप में गिरफ्तार किया गया तब ऐसे कौन से कारण थे की चार्जशीट पेश करने के समय ब्लैक मेलिंग की धारा विनोद वर्मा के खिलाफ हटाना पड़ा अर्थात यह मामला पूरी तरह से साबित है कि झूठा मामला गढ़ा गया इसके अलावा यह भी महत्वपूर्ण बिंदु है कि इस ओसीडी जप्त करना बताया गया है 500 सी डी विनोद वर्मा से जप्त करना बताया गया है कुल 1000 सीडी का निर्माण करना सीबीआई बताइए अब प्रश्न यह उत्पन्न होता है कि यदि कोई 1000 सीडी जिनका कथित रूप से निर्माण विनोद वर्मा ने कराया और उन्हें जप्त किया जा चुका था तो वह 500 सिटी जो भूपेश बघेल और विजय भाटिया लेकर ऐसा आरोप सीबीआई लगा रही है वह 500 सीडी कहां से बने इस मामले में सीबीआई का कोई इन्वेस्टिगेशन ही नहीं हुआ अर्थात यह मामला भी पूरी तरह से फर्जी साबित होता है क्योंकि भूपेश बघेल एवं विजय भाटिया के पास 500 सीडी होने का कोई सबूत सीबीआई के पास नहीं मिला.

परंतु की रमन सिंह की नियत थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऐसी मंशा थी कि कांग्रेस पार्टी को मूल से समाप्त किया जाए इसलिए उन्होंने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल को निशाना बनाया और उनके खिलाफ झूठे मामले गाना चालू कर दिया.