कटघोरा : बाबू की पत्नी हुई कोरोना पॉजिटिव..बाबू कर रहा दफ्तर का काम..कार्यालय में बढ़ा खतरा..शासकीय कार्यालय में प्रोटोकॉल की उड़ाई जा रही धज्जियां..

कटघोरा (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ): कोरबा जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते जिला कलेक्टर ने 12 अप्रैल से कंप्लीट लॉक डाउन का निर्देश दिया है यदि कोई भी कोरोना संक्रमित होता है तो कोरोना संक्रमित परिवार को कोरेन्टीन के नियम का पालन करना अनिवार्य रहता है.और विभाग के जिम्मेदार अधिकारी को भी संक्रमित कर्मचारी या उनके परिजन के संक्रमित होने पर होने पर उन्हें तत्काल कोरेन्टीन होने के निर्देश देना चाहिए.

बतादें की कटघोरा जनपद पंचायत के बाबू की पत्नी एक स्वास्थ्य कर्मी हैं और आज कोरोना जांच में उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद भी वो अस्पताल भी गई और उनके पति जोकि जनपद में बाबू हैं वो आज दिन भर जनपद कार्यालय में कार्य करते हुए नज़र आये. जबकि कटघोरा जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एच एन खुटेल को इसकी जानकारी होने के बाद भी बाबू को कार्यालय से घर जाने को नहीं कहा गया. साथ ही जनपद पंचायत के ही अन्वेषक पद पर कार्यरत महिला कर्मचारी भी कोरोना पॉजिटिव थी लेकिन वो भी कार्यालय में आई हुई थी और बाद में वो घर चल दी. लेकिन कार्यालय में मौजूद जिम्मेदार अधिकारी की अनदेखी कहीं कहीं शासन को ठेंगा दिखाने जैसा प्रतीत हो रहा है.

बाबू की पत्नी के संक्रमित होने के बाद भी बाबू के कार्यालय में काम करना बड़ी लापरवाही का नतीजा है इसका नतीजा यहां के अन्य कर्मचारियों व अधिकारियों को भुगतना पड़ सकता है. शासन के कोरोना प्रोटोकॉल के तहत संक्रमित परिवार को 14 दिनों के लिए होम आइसोलेट होना पड़ता है लेकिन इस तरह एक जिम्मेदार विकासखण्ड के कार्यालय में शासन के प्रोटोकॉल की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रहीं है. अगर इस लापरवाही के बाद यदि कोई कार्यालय का कर्मचारी या अधिकारी कोरोना संक्रमित होता है तो आखिर उसका जिम्मेदार कौन ?