कोरबा/कटघोरा 13 फरवरी 2023 ( सेंट्रल छत्तीसगढ़ ) : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय कटघोरा के द्वारा कटघोरा स्थित ब्रह्माकुमारी संस्था सेवा केंद्र में महाशिवरात्रि महोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. इस कार्यक्रम के उपलक्ष में कटघोरा नगर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्र से ब्रह्माकुमारीज संस्था से जुड़े भाई बहने बड़ी तादाद में उपस्थित हुए. इसके अलावा आम नागरिकों ने भी कार्यक्रम में शिरकत कर कार्यक्रम का लुफ्त उठाया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर कटघोरा नगर पालिका अध्यक्ष रतन मित्तल को आमंत्रित किया गया था, वहीं विशिष्ट अतिथि के तौर पर केशव अग्रवाल एल्डरमैन नगर पालिका कटघोरा को आमंत्रित किया गया, जिन्होंने कार्यक्रम में शिरकत कर कार्यक्रम की शोभा बढ़ा कर कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई.
कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्रीराम सिंघानिया, कुन्देश गोभिल विकास खंड शिक्षा अधिकारी पोंडी उपरोडा, एस एन गिरी आयुष मेडिकल ऑफिसर माचाडोली, ब्रह्म कुमारी कोरबा की संचालिका आदरणीय राजयोगिनी, तपस्विनी ब्रह्मकुमारीज रुकमणी दीदी जी, ब्रह्मकुमारी लीना दीदी जी (ब्रह्मकुमारी कोरबा सेंटर ) एवं बीके ज्योति दीदी जी ब्रह्मकुमारी आश्रम गेवरा भी मंच की शोभा बनी. कार्यक्रम की शुरुआत में नन्ही एंजेल कुमारी श्रेया जयसवाल के द्वारा अतिथियों के स्वागत में स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया गया. तत्पश्चात मंचस्थ मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि व अतिथियों के द्वारा मंच पर दीप प्रज्ज्वलन व केक कटिंग का कार्यक्रम संपन्न किया गया. जिसके पश्चात कुमारी पूजा के द्वारा लाल लाल रंग गीत पर मनोरम की प्रस्तुति की गई.
मुख्य अतिथि रतन मित्तल ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस संस्था के सेंटर में पहुंचकर ब्रम्हाकुमारीयों के सानिध्य में एक दिव्य अलौकिक गहन शांति का अनुभव प्राप्त होता है. बीके लीना दीदी के द्वारा संस्था का संक्षिप्त परिचय दिया गया साथ ही शिवरात्रि के आध्यात्मिक रहस्यों से सभा में उपस्थित सर्व जनों को रूबरू करवाया गया. अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि शिवरात्रि में रात्रि शब्द का भावार्थ यह बेहद कलयुगी की अज्ञानता रूपी अंधकार से है जब परमात्मा शिव का अवतरण होता है तो दिव्य अलौकिक गीता ज्ञान के माध्यम से विश्व के समस्त मानव मन में व्याप्त अज्ञानता रूपी अंधकार का विनाश होता है. जिससे यादगार स्वरूप शिवरात्रि मनाई जाती है.
बीईओ कुन्देश गोभिल ने अपने उद्बोधन में कहा कि मैं कई वर्षों से ब्रह्माकुमारीज के कार्यक्रम में शिरकत कर रहा हूं. इससे जुड़े भाई बहनों के जीवन में एक अभूतपूर्व परिवर्तन देखने को मिलता है जो कि हमें भी सदमार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है हमें इनसे प्रेरणा लेकर अपने जीवन में भी विचार वाणी कर्म को दिव्यता से भरपूर करना चाहिए.
कोरबा ब्रह्मा कुमारीज की प्रशासिका ब्रम्हाकुमारी रुकमणी दीदी जी ने भी शिवरात्रि के रहस्यों से और परमात्मा ज्ञान योग से जीवन में होने वाले परिवर्तन के संदर्भ में बखान किया. अपने उद्बोधन में बड़ी दीदी ने बतलाया की शिवलिंग में जो तीन रेखाएं होती हैं वह तीन रेखाएं क्रमशः ब्रह्मा, विष्णु, महेश का प्रतीक हैं और तीनों रेखाओं के मध्य जो बिंदु दिखाई देती है वह ज्योति बिंदु परमपिता परमात्मा का प्रतीक है. परमात्मा शिव का जब दिव्य “भारत भूमि” पर होता है तब परमात्मा शिव अपना दिव्य कर्तव्य 3 तरह से करते हैं. ब्रह्मा द्वारा नई सृष्टि की स्थापना विष्णु द्वारा नई सृष्टि का पालन कर द्वारा पुरानी सृष्टि का विनाश. उद्बोधन पश्चात कुमारी चंचल शर्मा, कुमारी चित्रिका उपाध्याय एवं कुमारी ज्योति शास्त्री के द्वारा हर हर शंभू गीत में बड़े ही सुंदर नृत्य की प्रस्तुति की गई.
कार्यक्रम के अंत में ब्रह्मकुमारी कटघोरा सेंटर की संचालिका ब्रह्मकुमारी कुसुम बहन के द्वारा कार्यक्रम में शिरकत करने वाले समस्त अतिथि गणों को धन्यवाद प्रेषित किया गया और इसी के साथ महाशिवरात्रि महोत्सव का यह कार्यक्रम ब्रह्मा कुमारीज कटघोरा सेंटर प्रांगण में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ.