कोरबा/कटघोरा 4 जनवरी 2022 ( सेंट्रल छत्तीसगढ़ ) : कटघोरा क्षेत्र में प्राकृतिक जल का एकमात्र एक ही श्रोत है यहां बहने वाली अहिरन नदी, जिससे कटघोरा एवं कटघोरा से लगे 15 किलोमीटर तक के गांव इस पानी का प्रयोग पीने, नहाने व अपने दैनिक दिनचर्या के लिए करते हैं। आसपास के किसान भी इस नदी के पानी का सिंचाई के लिए प्रयोग में लाते हैं।
लेकिन विगत 4 वर्ष पहले नगरपालिका कटघोरा के द्वारा जल संसाधन विभाग को निर्माण एजेंसी बना कर लगभग 2 करोड़ की लागत से अंसारी घर से अहिरन नदी तक नाला निर्माण कराया गया है। तब से उस नाले का गंदा पानी कटघोरा क्षेत्र की जीवनदायिनी नदी में आकर गिर रहा है। जो शुद्ध पानी को पूरी तरह से अशुद्ध कर विषैला बना रहा है। मजबूरी वश नदी के आसपास नीचे निवास करने वाले गांव डुडगा, धवईपुर, बुढ़ापार, रामनगर, ढेलवाडीह, जेन्जरा, पतरापाली, कसरेगा के ग्रामीण इस पानी का सेवन कर रहे हैं जिससे वहां निवास करने वालो में उल्टी-दस्त, पीलिया, दाद, खाज – खुजली जैसी बीमारी होने लगी है।
कटघोरा के समाजसेवी तथा आम आदमी पार्टी के नेता व पूर्व कटघोरा विधानसभा प्रत्याशी चंद्रकांत डिक्सेना ने अपने साथियों के साथ आज कटघोरा अपर कलेक्टर विजेंद्र पाटले को ज्ञापन सौपते हुए मांग की है कि कटघोरा नगर के नाले का गंदा पानी अहिरन नदी में न गिराकर अन्यत्र गिराए जाने की बात कही हूं और कहा है कि यदि अहिरन नदी में गिरते गंदे पानी को नही रोका गया तो उग्र आंदोलन करने के लिए उन्हें बाध्य होना पड़ेगा और उसकी सारी जवाबदारी प्रशासन की होगी।