कटघोरा डीएफओ शमा को हटाने गोंगपा ने घेरा कलेक्ट्रेट, शाम होते आया तबादला आदेश पर नहीं डिगीं फारुखी..! बदले गए कोरबा के वनमंडल अधिकारी…

कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़):- कटघोरा वन मंडल की डीएफओ शमा फारुकी की कार्यशैली और उन पर भ्रष्टाचार के अनेक आरोप लगाते हुए उन्हें यहां से अन्यत्र स्थान पर तबादला को लेकर पिछले कुछ महीनों से मांग बुलंद है। परेशान ठेकेदारों व जागरूक लोगों ने जहां शासन स्तर पर जांच व कार्यवाही के लिए पत्र लिखा वहीं इस बीच पता चला कि डीएफओ के अधीन कर्मचारियों द्वारा राज्य विधानसभा को स्टाप डेम निर्माण की गलत जानकारी देकर गुमराह किया गया। यह मुद्दा भी कोरबा से रायपुर तक गर्माया जरूर लेकिन राज्य में विपक्ष के नेताओं ने हल्के ढंग से लिया न ही कोरबा का विपक्ष मुखर हुआ।

डीएफओ पर मनमानी व तमाम तरह के भ्र्ष्टाचार के आरोप लगाते हुए तथा डीएफओ के घर आया का काम करने वाली आदिवासी बाला कु. क्रांति राज का डीएफओ द्वारा 4 माह का रोके गए वेतन को देने की मांग कर डीएफओ को हटाने के लिए आवाज एकमात्र गोंगपा ने ही उठाई। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने विगत महीने में कटघोरा वन मंडल कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया तो 15 फरवरी सोमवार को जिला मुख्यालय में सैकड़ों गोंगपा कार्यकर्ताओं ने ग्रामीणों के साथ मिलकर कलेक्ट्रेट को घेरा। विभिन्न समस्याओं के साथ-साथ प्रमुख मांग कटघोरा डीएफओ का तबादला भी रखी गई। इनके कार्यकाल की जांच भी कराने की मांग उठाई गई।

माना जा रहा था कि इस तरह के दमदार प्रदर्शन के बाद डीएफओ का तबादला होने की उम्मीद बढ़ जाएगी लेकिन शाम होते-होते एक आदेश राज्य शासन के द्वारा जारी किया गया जिसमें कोरबा जिले के कटघोरा की बजाय कोरबा डीएफओ गुरुनाथन एन. का तबादला हो गया। उनका स्थान प्रियंका पांडेय लेंगी।

यह दूसरा मौका है जब कटघोरा डीएफओ के तबादले की पुरजोर उम्मीदों पर पानी फिर गया। इससे पहले निकली तबादला सूची में भी शमा फारूकी का नाम नहीं था और सोमवार की सूची में भी उनका नाम नहीं है। अब यह चर्चा जिले के गलियारों में गर्म हो चली है कि वन मंत्री की रिश्तेदारी और सत्ता से नजदीकी के कारण कितना भी शोर मचा लें, मैडम टस से मस नहीं होंगी। जब शासन चाहेगा तभी तबादला होगा तो भला जन भावनाओं और जन आंदोलनों की ऐसे में क्या बिसात?