कटघोरा : ग्राम धंवईपर का आश्रित ग्राम डुडगा आज भी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहा.. नाली न होने से सड़कों पर बह रहा गंदा पानी.. गंदगी के चलते संक्रामक बीमारी फैलने का भय.

कोरबा/कटघोरा 8 सितंबर 2022 (सेंट्रल छत्तीसगढ़ ) : जिला मुख्यालय कोरबा से 35 किलोमीटर दूर व ब्लॉक मुख्यालय कटघोरा से महज 3 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम पंचायत धंवईपर का आश्रित ग्राम डुडगा आज भी मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर नज़र आता है। यहां से गुजरने वालों को सड़क पर बहते गंदे पानी से होकर गांव को पार करना पड़ता है। तो अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि यहां के मूल निवासीयों को यहां रहकर किस प्रकार की दुविधाओं का सामना करना पड़ता होगा।

जी हां ग्राम पंचायत धंवईपर में पिछले 25 वर्षों से एक ही परिवार से जनप्रतिनिधि यहां से चुनकर ग्राम पंचायत का सरपंच बन रहा है। यहां सरपंच व जनपद सदस्य दोनों ही पति पत्नी हैं राम प्रसाद कोराम यहां के जनपद सदस्य है जोकि पिछले पंचवर्षीय जनपद उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं और पत्नी शारदा देवी कोराम यहा की वर्तमान सरपंच है। लेकिन इनके द्वारा आश्रित ग्राम डुडगा में सड़क तो बनाई गई लेकिन बिना नाली की सड़क बनने से लोगों के घरों का गंदा पानी सड़क पर ही बहता रहता है। जिसकी वजह से सड़क पर काही जमने से फिसलन व पानी के जाम होने से बदबू के कारण यहां के लोगों को नारकीय जीवन जीने विवश होना पड़ रहा है।

बतादें जी ग्राम पंचायत धंवईपर के आश्रित ग्राम में अधिकांश लोग शिक्षित वर्ग से आते हैं जोकि शिक्षा विभाग, तहसील विभाग व एसईसीएल में कार्यरत हैं। लेकिन ग्राम के मूलनिवासी होने की वजह से यहां रहना पड़ रहा है। ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता से यहां के निवासियों में खासी नराजगी देखी जा सकती है। यहां कुछ बुजुर्गों का कहना है कि सीसी रोड नही होने से पहले की स्थिति इससे बेहतर थी, लेकिन बिना नाली बनाये सड़क तो सरपंच ने बनवा दी और अब घरों का पानी सड़क पर बहने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क पर गन्दा पानी बहने से सड़क पर काही जमने से फिसलन बढ़ जाती है जिसकी वजह से गांव के कई लोग दुर्घटना के शिकार भी हो चुके हैं।

सड़क पर बहते गंदे पानी से बीमारियों का खतरा बढा

यहां के लोगों ने बताया कि सड़क पर घरों का गंदा पानी बहने से और इस पानी के निस्तारी न होने से पानी कई जगहों पर जाम हो जाता है जिसकी वजह से बदबू व मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ जाता है। लेकिन नाली की समस्या का समाधान करने के लिए आज तक कोई प्रयास नहीं किया गया। कचरा व गंदगी के चलते संक्रामक बीमारी फैलने का भय हमेशा बना रहता है। गांवों के विकास के लिए सरकार पानी की तरह पैसा बहाती है। हमारे गांव में आज तक कुछ हुआ ही नहीं। जिसकी वजह से यहां हैजा, मलेरिया, डेंगू व अन्य घातक बीमारियों के होने का खतरा भी बढ़ गया है। लेकिन सरपंच व जनपद सदस्य का इस ओर ध्यान न देने से लोगों में नराजगी है। लोगों ने यह भी बताया कि कई दफा इसकी शिकायत सरपंच व जनपद पंचायत में की जा चुकी है लेकिन इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।