कटघोरा : कोरोना जांच केंद्र पहुँची SDM सूर्यकिरण तिवारी..सोशल डिस्टेंसिग की लापरवाही पर भड़की..दिए निदेश..

कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़)हिमांशु डिक्सेना: छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. अस्पतालों में लोगों की भीड़ भी बढ़ रही है. कोरोना टेस्ट कराने पहुंच रहे लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं किया जा रहा था. कटघोरा अनुविभागीय अधिकारी (रा) आज कटघोरा में स्वास्थ्य विभाग द्वारा रैन बसेरा में संचालित कोरोना जांच केंद्र पहुंची और यहां पर जांच कराने वालों की अव्यवस्था को देख SDM श्रीमती सूर्यकिरण तिवारी ने नाराजगी दिखाई. तथा स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को और कोरोना जांच कराने पहुंचे लोगों पर नाराजगी जताते हुए उन्हें समझाइस दी कि आपस में सोशल डिस्टेंसिग बनाकर कोरोना जांच कराएं. भीड़ लगाने से संक्रमण बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है. और SDM श्रीमती तिवारी के साथ उपस्थित तहसीलदार रोहित सिंह, CMO जे बी सिंह व नगर पालिका की टीम ने वहां खड़े लोगों को सुव्यस्थित तरीके से खड़ा कराया और स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया कि सोशल डिस्टेंसिग और मास्क का पालन करा कोरोना जांच करें. और व्यवस्था बनाए रखें.

छत्तीसगढ़ में कोरोना का कहर जारी है.लॉकडाउन लगने के बावजूद संक्रमण और मौत के आंकड़े थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. सर्दी-खांसी के अलावा फीवर से जूझ रहे मरीज अस्पतालों के चक्कर काटने के लिए मजबूर हैं. जहां उन्हें कोरोना जांच कराना अनिवार्य है. ऐसे में बिना सोशल डिस्टेंसिंग की ये कतारें चौंकाने वाली हैं. जिसे देखकर यह सवाल जरूर उठता है कि कहीं अस्पताल ही तो कोरोना के सुपर स्प्रेडर नहीं बन रहे हैं, क्योंकि दो हफ्ते के लॉकडाउन के बावजूद जिले में पॉजिटिव केस में गिरावट नहीं आई है. उसके बाद एक बार फिर से लॉकडाउन की मियाद बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.

लोगों की लापरवाही से फैल रहा संक्रमण

सामान्य सर्दी और फ्लू के साथ ही कोरोना के मामले को लेकर अस्पताल प्रबंधन सतर्क है, लेकिन अस्पतालों में मरीज कोविड नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. कटघोरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना जांच कराने वालों की भीड़ बहुत रहती है. एक-दूसरे से सटकर लोग खड़े रहते हैं. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करते और मास्क भी नहीं लगाते, जिसकी वजह से संक्रमण बढ़ने का खतरा हो सकता है. वैसे तो अस्पताल में इन्फेक्शन, प्रिवेंशन और कंट्रोल के हिसाब से काम किया जा रहा है. जिसमें जांच करने वाले डॉक्टर्स PPE किट का इस्तेमाल करते हैं, ग्लव्स और मास्क दोनों का इस्तेमाल करते हैं.