कटघोरा : केंदई में मनाया गया विश्व हांथी दिवस..रैली निकालकर लोगों को हांथीयों की सुरक्षा के लिए किया गया जागरूक.

कोरबा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : आज पूरी दुनिया में विश्व हाथी दिवस मनाया जा रहा है। 12 अगस्त 2012 से विश्व हाथी दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी जिसका मकसद हाथियों के संरक्षण के लिए जागरुकता फैलाना है. धरती के सबसे बड़े इस वन्यपशु का संरक्षण इसीलिए भी जरुरी है क्योंकि देश में हाथियों की संख्या तेजी से घट रही है. एक दशक पहले तक भारत में 1 लाख से ज्यादा हाथी हुआ करते थे लेकिन अब देश में हाथियों की संख्या 27 हजार से भी कम है. हाथियों के शिकार और मौत के लिए केरल सबसे ज्यादा बदनाम है, जहां हर 3 दिन में 1 हाथी की मौत हो जाने की बात कही जाती है.

कटघोरा वनमण्डल के केंदई, पसान, एतमानगर वन परिक्षेत्र में लगभग 50 हांथीयों का दल विचरण कर रहा है. जिनकी सुरक्षा के लिए वन मण्डल कटघोरा द्वारा निरंतर प्रयासरत है. आज विश्व हाथी दिवस पर केंदई वन परिक्षेत्र द्वारा विश्व हाथी दिवस 2021 के शुभ अवसर पर वन परीक्षेत्र केंदई अंतर्गत पंचायत भवन कोरबी में जन जागरूकता एवं प्रचार प्रसार का कार्यक्रम आयोजित किया गया.


रैली निकालकर लोगों को हांथी की सुरक्षा व उनसे सुरक्षित रहने के लिए जागरूक किया गया. वन परिक्षेत्राधिकारी अश्विन चौबे ने बताया कि हांथी एक शांत वन्यप्राणी है.आज 12 अगस्त को ‘विश्व हाथी दिवस’ दिवस मनाया जा रहा है. यह दिन हाथियों के प्रति जागरूकता लाने का दिन है. हाथी को मदमस्त अंदाज, शांत और गुस्सेले स्वभाव के लिए जाना जाता है. हर साल 12 अगस्त को मनाए जाने वाले ‘विश्व हाथी दिवस’ के पीछे हाथियों के संरक्षण, गैर-कानूनी शिकार और तस्करी रोकने का उद्देश्य जुड़ा है. इस दिन को हम हाथियों की रक्षा और उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के लिए आम जन को जागरूक करना भी है.

विश्व हाथी दिवस मनाए जाने का उद्देश्य

पृथ्वी पर हर प्राणी के रहने का अधिकार है, लेकिन मानव प्रजाति अपना वर्चस्व कायम करने के लिए प्रकृति के नियमों का अनदेखा करती रहती है.भारत में भी एक रिपोर्ट अनुसार मात्र 27 हज़ार हाथी ही बचे हैं जो कुछ समय पहले लाखों में हुआ करते थे. विश्व हाथी दिवस जैसे अंतराष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम हमें यह आभास कराते हैं कि जाने-अनजाने हम विशालकाय जानवर पर जुर्म कर रहे हैं और केवल जंगल ही हाथी का प्राकृतिक आवास है.