कोरबा/कटघोरा 01 फरवरी 2024 ( सेंट्रल छत्तीसगढ़ ) : :कटघोरा का प्रसिद्ध किसान मेला का आयोजन प्रतिवर्षानुसार 26 जनवरी से प्रारम्भ हो चुका है। जिसके लिए कटघोरा नगर पालिका द्वारा दुकान आबंटन को लेकर आवेदन भी लिया गया था। लेकिन इन सबके बावजूद नगर में मेले में दुकान आबंटन को लेकर भारी गहमागहमी का माहौल है। ऐसे में प्रत्येक वर्ष कटघोरा व आसपास के व्यापारियों द्वारा दुकान लगाने के लिए उनको प्राथमिकता के आधार पर नगर पालिका द्वारा दुकान आबंटित की जाती है। लेकिन कुछ दुकानदार अपने आबंटित दुकानों को दूसरे दुकानदारों को मोटी रकम लेकर बेच देते है। और जरूरतमंद दुकानदार इससे वंचित रह जाते हैं।
मेला शुरू होने के बाद भी कुछ व्यापारी दुकान के लिए मेले में भटकते नज़र आ रहे हैं। जबकि नगर पालिका द्वारा दुकान आबंटन को लेकर जो प्रक्रिया प्रारम्भ की थी उसके आधार पर मेले आबंटित दुकानदार कम ही नज़र आएंगे। जिनमे अधिकांश दुकानदार अपनी दुकानों को दूसरे व्यापारियों को मोटी रकम देकर बेच दी जाती है। ऐसा भी नही की नगर पालिका के कर्मचारियों को इसकी जानकारी नहीं है। लेकिन इन सबके बावजूद नगर पालिका द्वारा इस पर कोई कार्यवाही नही की जाती है। किसान मेले में सर्वाधिक दुकानदार स्थानीय न होकर बाहरी ही होते हैं और स्थानीय जरूरतमंद दुकानदार इधर उधर भटकते रहते हैं।
नगर पालिका आबंटित दुकानदारों की नही देता है जानकारी
किसान मेले में दुकान आबंटन को लेकर मेला शुरू होने से पूर्व ही गहमागहमी शुरू हो जाती है। नगर पालिका द्वारा भी दुकान आबंटन को लेकर बड़े बड़े नियम के दावे किए जाते हैं। लेकिन इसके विपरीत नगर पालिका के कर्मचारी अपनी सांठगांठ में दुकान आबंटन कर अपनी जेब गरम करते रहते हैं। बतादें की नगर पालिका परिषद में यदि किसान मेले में आबंटित दुकानदारों की सूची की जानकारी मांगो तो वे इसकी जानकारी भी नही देते है। इससे साफ जाहिर होता है कि दुकानदारों व नगर पालिका के बीच आपसी सांठ गांठ से ही दुकान आबंटन की प्रक्रिया होती है।
प्रशासनिक अधिकारियों को लेना चाहिए इस मामले में संज्ञान.
कटघोरा में किसान मेला का आयोजन वर्षों से किया जा रहा है। किसान मेला में दुकान आबंटन को लेकर जिस प्रकार से भर्रासाहि होती है। उससे जरूरतमंद दुकानदारों में जमकर नाराज़गी देखी जा रही है। वही प्रशासन को भी इस आयोजन में अपनी सहभागिता निभाते हुए दुकान आबंटन को लेकर मौके पर जांच की जानी चाहिए, जिससे यह पता चल सके कि नगर पालिका द्वारा आबंटित दुकान में वही व्यक्ति दुकान संचालित कर रहा है या कोई और। जिससे इस मेले में दुकान आबंटन को लेकर किये गए भ्रष्टाचार का खुलासा हो सके।