कटघोरा : आठ दिनों से 12 सूत्रीय मांगों को लेकर वनकर्मी हड़ताल पर.. वन कर्मियों ने दी चेतावनी.. एक सप्ताह में सरकार ने नही दिया ध्यान तो बैठेंगे भूख हड़ताल पर.

कोरबा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : छत्तीसगढ़ में वन कर्मचारी संघ के आह्वान पर वन कर्मचारी 8 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे है. वन कर्मचारियों के हड़ताल में जाने से वनों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है. मीडिया ने कटघोरा वनमण्डल मुख्यालय में 8 दिनों से बैठे वन कर्मचारियों से बात की. प्रांतीय पउपाध्यक्ष जितेंद्र कुमार साहू ने बताया कि ‘प्रदेशभर में सत्रह हजार वन कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है. कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने की वजह से वनों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है. कर्मचारियों ने सरकार से 12 सूत्रीय मांग की थी. लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हुई है. श्री साहू ने सख्त लहजे में कहा कि यदि सरकार एक सप्ताह में वनकर्मचारियो कई मांगो पर विचार नही करती है तो वनकर्मचारी संघ एक सप्ताह के बाद भूख हड़ताल पर बैठने के लिए मजबूर हो जाएगा।

कटघोरा वनमण्डल में वनकर्मियों की हड़ताल

छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ द्वारा बीट गार्ड, वनपाल, उपवनपाल, क्षेत्रपाल और वन क्षेत्रपाल के पद नाम में संशोधन करने की मांग किया गया था. जिसे वन विभाग ने संशोधन किया है. संशोधन के बाद अब वनरक्षक और बीड गार्ड को फॉरेस्ट ऑफिसर वनपाल को सर्किल फॉरेस्ट ऑफिसर, उपवनक्षेत्रपाल को सीनियर सर्किल फॉरेस्ट ऑफिसर और वन क्षेत्रपाल को ऑरेंज फॉरेस्ट ऑफिसर के नाम से जाना जाएगा.

पक्षियों के लिए दाना व पानी की व्यवस्था धरना स्थल पर ही की

वन कर्मियों के हड़ताल पर जाने से वन सुरक्षा खतरे में पड़ गई है. जिससे वन पशुओं व पक्षियों के जीवन का खतरा भी बढ़ गया है. वनकर्मी हड़ताल में बैठने के बाद से नीत रोज़ अनोखे तरीके से आंदोलन को अंजाम दे रहे हैं. आज वन कर्मियों ने धरना स्थल के पास खड़े वृक्षों पर पक्षियों के दाना व पानी की व्यवस्था की ताकि इस गर्मी में पक्षियों को भूख और प्यास की समस्या न होने पाए। उनका कहना है.

छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ ने बताया कि छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ के बैनर तले 21 मार्च 2022 से प्रदेश भर के करीब सत्रह हजार कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है. हड़ताल के कारण जंगल में अवैध कटाई का खतरा बढ़ गया है. गर्मी के दिनों में जंगलों में आग भभक रही है. लेकिन कर्मचारियों के हड़ताल में जाने के कारण आग बुझ नहीं पा रही है. अगर हड़ताल लंबे समय तक चला तो नुकसान होना तय है. कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से वनों की सुरक्षा खतरे में है. इसके अलावा वन कार्यालय और जंगलों का कामकाज ठप्प हो गया है.

कटघोरा वनमण्डल मुख्यालय के पास हड़ताल पर बैठे वनकर्मियों के धरना स्थल पर आज जितेंद्र कुमार साहू प्रांतीय उपाध्यक्ष, सनत कुमार शांडिल्य, वेद प्रकाश शर्मा संभागीय अध्यक्ष, सुरेश कुमार चंद्रा, मनीष श्रीवास्तव संभागीय सचिव, निर्मल सोनी, पन्नालाल जांगड़े संभागीय उपाध्यक्ष, प्रीतम पुराइन जिलाध्यक्ष कोरबा, सुंदर पैकरा संभागीय महामंत्री, गंगा सिंह कंवर, राकेश राठौर जिला उपाध्यक्ष जीपीएम, रॉबिन भरद्वाज, राजीव कुमार सिसोदिया वरिष्ठ सदस्य जीपीएम, संतोष रात्रे, राज किशोर टंडन वरिष्ठ सदस्य जीपीएम, मुरारी साहू, सुनील डिक्सेना, भरत लाल साहू, मंगल सिंह नायक, फजल अहमद खान, वृंदा प्रसाद कश्यप, जगदीश प्रसाद खूंटे, प्रतिमा पैकरा, सुशील साहू, परमेश्वर बंजारे, उषा कंवर, रविंद्र कुर्रे, सत्यव्रत जांगड़े, नेपाल सिंह आयाम, यशमन कुमार आडील, उपेंद्र कुमार चौहान, रामकुमार यादव, कमलेश कुमार, हरिनारायण बंजारे , पंकज कुमार खैरवार, गीता गोंड, उषा सोनवानी, श्रवण कुमार गायकी, देवदत्त खांडे, रघुनंदन जयसवाल, निर्मल सोनी प्रमुख रूप से मौजूद रहे.