

कोरबा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ रायपुर के आह्वान पर पूरे प्रदेश के साथ वन कर्मचारी अपनी 12 सूत्री मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं। जानकारी के अनुसार आज अनिश्चितकालीन हड़ताल का छठवां दिन है। छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ इकाई कटघोरा भी कटघोरा वन मण्डल कार्यालय के सामने में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे हुए हैं।
वन कर्मचारी संघ ईकाई कटघोरा के पदाधिकारियों के अनुसार कई बार अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन के माध्यम से सरकार को अवगत कराया गया है। लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आज पर्यंत तक इनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया है। इनकी प्रमुख 12 मांगे है। जिसे पूरा करने की मंशा से हड़ताल पर बैठे हुए है। प्रतिदिन अलग अलग अनोखे तरीके से वनकर्मी कर रहे प्रदर्शन जिसमें सबसे पहले हांथों में मेहंदी लगाकर, सरकार को सद्बुद्धि देने के लिए किया हवन, पूजा और आज एक पैर पर खड़े होकर नारेबाजी करते हुए अपनी मांगों को लेकर सरकार का ध्यानाकर्षण करने का प्रयास किया।
संघ के पदाधिकारियों का कहना है की जब तक मांगे पूरी नही होती तब तक हड़ताल जारी रहेगा। यहां अपको ये बताना लाजमी होगा की वन कर्मचारी के हड़ताल पर जाने से इससे संबंधित काम भी ठप्प पड़ गए है। बता दे कि वनकर्मियों के हड़ताल में चले जाने से वन्य सुरक्षा व अपराध में भी बढ़ोतरी हो सकती है। वही बढ़ती गर्मी के कारण जंगलों में दावानल लगने के मामले बढ़ सकते हैं । वनकर्मियों के हड़ताल में चले जाने से अब जंगल सुरक्षा पर असर भी दिख रहा है।
कटघोरा वन मण्डल कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर प्रमुख रूप से प्रीतम पुराईन ( जिलाध्यक्ष, वन कर्मचारी संघ ), उषा कंवर ( जिला उपाध्यक्ष), उर्मिला राज ( संभाग उपाध्यक्ष ), सनत शांडिल्य, सुनील डिक्सेना, राम कुमार यादव, नेपाल आयाम, अजय कुमार साय, ओसिन रानी, भरतलाल साहू, मंगल सिंह नायक, फ़ज़ल अहमद खान, वृंदा प्रसाद कश्यप, संतोष कुमार रात्रे, जगदीश प्रसाद कुर्रे, प्रतिमा पैकरा, देवदत्त खांडे, पंकज कुमार खैरवार तथा बड़ी संख्या में वनकर्मी उपस्थित रहे।
वनकर्मी संघ की 12 सूत्रीय प्रमुख मांगे :-
- वनरक्षक का वेतनमान वर्ष 2003 से 3050 रु स्वीकृत किया जावे।
- वनरक्षक, वनपाल एवं क्षेत्रपाल कर्मचारियों का वेतन मान मांग अनुसार किया जाए।
- पुरानी पेंशन योजना लागू किया जावे।
- छत्तीसगढ़ राज्य गठन के पश्चात नया सेटअप पुनरीक्षण किया जावे।
- महाराष्ट्र सरकार की तरह 5000 रु पोस्टिक आहार व वर्दी भत्ता दिया जावे।
- पदनाम वर्दी हेतु संबोधित नाम अन्य पहचान निर्धारण आदेश जारी किया जावे।
- वनोपज संघ कार्य हेतु एक माह अतिरिक्त वेतन दिया जाए।
- कास्ट वनोपज प्रदाय सिक्का में मात्रा की वसूली राइट ऑफ किया जावे।
- विभागीय पर्यटन स्थल में वन कर्मचारियों एवं सेवानिवृत्त वन कर्मचारियों को निशुल्क प्रवेश दिया जावे।
- वनपाल प्रशिक्षण अवधि 45 दिन किया जाए। वनपाल प्रशिक्षण केंद्र कोनी बिलासपुर प्रारंभ किया जाए।
- वृत्तीय वानिकी चौकीदार का समायोजन किया जावे।
- दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को नियमित किया जावे
