कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़)हिमांशु डिक्सेना :- डॉक्टर्स डे के अवसर पर एनकेएच परिवार ने चिकित्सा गुरु के नाम से प्रख्यात स्व. डॉ. जीएल वाधवानी को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये उनके सम्मान में 25 बेड जरूरतमंदों गरीबों के नाम किए हैं। इस मौके पर एनकेएच परिवार ने स्व. वाधवानी के सपनों को साकार करते हुये वरिष्ठ चिकित्सकों का सम्मान किया। कार्यक्रम का शुभारंभ गुरुवार को दोपहर 1 बजे जिले के वरिष्ठ चिकित्सकों व स्व. डॉ. जीएल वाधवानी के करीबी रहे डॉ. यू.एस. जायसवाल, डॉ. अनिल शेष, डॉ. पी.आर. कुम्भकार, डॉ. अरुण तिवारी, डॉ. नन्द, डॉ. रमेश थवाईत के हाथों किया गया।
कोरबा में चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. जीएल वाधवानी का सेवा ही मूल मंत्र था। इस मूलमंत्र को आधार मानकर एनकेएच के डायरेक्टर डॉ. एस. चंदानी ने अस्पताल में एक जुलाई से नई व्यवस्था प्रारंभ की है। डॉ. वाधवानी की स्मृति में गरीबों के लिए 25 बिस्तर आरक्षित किए हैं। इनमें 20 बिस्तर जरूरतमंद, मध्यम व गरीब परिवार के मरीजों के लिए रखे गए हैं, जिनसे नाममात्र शुल्क लेकर उनका समुचित इलाज किया जाएगा। अस्पताल में भर्ती मरीजों से बेड शुल्क मात्र 500 रुपये ही लिया जायेगा। इन्हें चिकित्सा सेवाओं में भी रियायत देने का निर्णय लिया गया है। इसी तरह 5 बिस्तर ऐसे मरीजों के लिए आरक्षित रहेंगे, जो शासन की योजनाओं के तहत बीमारी का उपचार कराने के लिए किसी भी तरह की कार्ड संबंधी और दस्तावेजी खानापूर्ति कर सकने में असक्षम हैं और उनके पास इलाज कराने के लिए पैसे भी नहीं हैं। इनसे सिर्फ दवाइयों का ही शुल्क लिया जाएगा। चिकित्सा से लेकर परामर्श और विभिन्न प्रकार की आवश्यक जांच की सुविधा भी इन्हें नि:शुल्क प्रदान की जाएगी।
एनकेएच के डायरेक्टर डॉ. एस. चंदानी ने बताया कि स्व. डॉ. वाधवानी जो हमारे चिकित्सा गुरु हैं। उनके बताए रास्तों पर चल कर सेवापूर्ण चिकित्सा एनकेएच परिवार हमेशा करता रहेगा। उनके ही मार्गदर्शन में चिकित्सकीय कार्य को आगे बढ़ाया गया जो इस मुकाम तक पहुंचा है। गरीबों के प्रति सेवा की भावना उनके मन में आई है। डॉ. वाधवानी की स्मृति में अभी 25 बिस्तर जरूरतमंदों के लिए आरक्षित रखा गया है। इनमें से 5 बेड अत्यधिक जरूरतमंदों के लिए हैं। अत्यधिक गरीब मरीज को स्व. डॉ. वाधवानी के नाम से नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाएगी। इस तरह से एनकेएच परिवार ने उनको अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। शुभारंभ अवसर पर जिले के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. यू.एस. जायसवाल, डॉ. अनिल शेष, डॉ. पी.आर. कुम्भकार, डॉ. अरुण तिवारी, डॉ. नन्द, डॉ. रमेश थवाईत सहित डॉ. शंकर पालीवाल, डॉ. आर.पालीवाल, डॉ. ज्योति श्रीवास्तव, डॉ. अविनाश तिवारी, डॉ. दिविक एच मित्तल, डॉ. सुदीप्ता शाह, डॉ. नागेंद्र बागरी, डॉ. अनिल मिश्रा, डॉ. नीलिमा महापात्रो, डॉ. एस.पी.पांडेय, डॉ. परवेज संमीम, डॉ. रोहित मजूमदार, डॉ. पूजा कुंडू, डॉ. सचिन टी.आर., डॉ. यशा मित्तल, डॉ. अमन श्रीवास्तव के अलावा ड्यूटी डॉक्टरों का सम्मान एनकेएच के डायरेक्टर डॉ. एस.चंदानी व एडीसी की डायरेक्टर डॉ. वंदना चंदानी के हाथों किया गया। डॉक्टर्स डे के अवसर पर केक काट कर शुभकामनाएं दी गई।
हमारा एक साथी और मार्गदर्शक बिछड़ गया : डॉ. पालीवाल
डॉ. जीएल वाधवानी के निधन को व्यक्तिगत क्षति बताते हुए डॉ. एस. पालीवाल और डॉ. श्रीमती आर. पालीवाल ने बताया कि आज से 15 साल पहले डॉ. जी.एल. वाधवानी और डॉ. एस. चंदानी के साथ हम लोग मिलकर 10 बिस्तरों वाला कोरबा हॉस्पिटल कोसाबाड़ी में प्रारम्भ किया था। इस परिवार का एक सदस्य बिछड़ गया है। स्व. डॉ. वाधवानी कुशल सर्जन ही नहीं बल्कि बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे। उनके निधन से हुई क्षति की भरपाई तो नहीं होगी, लेकिन उनके आदर्श हमारे बीच हमेशा स्थापित रहेगा। जब कोसाबाड़ी क्षेत्र में न्यू कोरबा हॉस्पिटल की नींव डाली गई तो स्व. डॉ. वाधवानी भी उस नींव के महत्वपूर्ण हिस्सा थे। अब वह हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका मार्गदर्शन और अनुभव हमेशा हमारा पथ प्रशस्त करता रहेगा। वह सादगी विनम्रता के साथ संघर्षशील भी रहे। अपने व्यापक अनुभव से सैकड़ों बीमार मरीजों को स्वस्थ किए हैं। एनकेएच समूह उनको याद करते हुये यह नेक काम किया है, जिससे उनकी याद सदैव बनी रहेगी।