अंबिकापुर: फर्जी पुलिस बनकर काटा 2000 का चालान, ट्रक चालक ने दर्ज कराई शिकायत..

अंबिकापुर (सेंट्रल छत्तीसगढ़) शांतनु सिंह : शहर में फर्जी यातायात पुलिस बनकर ट्रक चालकों से ठगी करने का मामला सामने आया है. ठगों ने खुद को पुलिसकर्मी बताकर ट्रक चालक का दो हजार का चालान काट दिया. फर्जी पुलिस ने बाकायदा उन्हें चालान की रसीद भी थमाई. उनके इस ठगी के खेल का खुलासा उस वक्त हुआ जब अगले चौक पर फिर से उसे पुलिस ने रोका और उसने रसीद दिखाकर चालान काटे जाने की जानकारी दी. ठगी की शिकायत ट्रक चालक ने पुलिस से की है. मामले को दर्ज कर पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है.

बताया जा रहा है कि रामजीत राम उत्तर प्रदेश के बनारस से सामान लेकर ट्रक से रायपुर जा रहा था. इस दौरान जैसे ही वह बस स्टैंड के पास रिंग रोड में पहुंचा, वहां बाइक से पहुंचे दो युवकों ने ट्रक चालक को रोक लिया और खुद को यातायात पुलिसकर्मी बताकर नियम तोड़ने के आरोप में 2 हजार रुपए का चालान काट दिया. ट्रक चालक भी उन्हें पुलिसकर्मी मानकर चालान का जुर्माना भरकर वहां से आगे बढ़ गया. ट्रक चालक बिलासपुर चौक पर पहुंचा तो वहां अन्य पुलिसकर्मी मौजूद थे. रामजीत राम ने उन पुलिसकर्मियों को बताया कि अभी उसका 2 हजार रुपए का चालान काटा गया है और जब उसने पुलिसकर्मियों को वह चालान की प्रति दिखाई, तो उसे देखते ही पुलिसकर्मियों ने पहचान लिया कि यह चालान फर्जी है.

थाने में दर्ज कराई शिकायत

पुलिसकर्मियों ने चालान को देखकर पहली नजर में ही पहचान लिया कि यह फर्जी है. जिसके बाद पुलिसकर्मियों की मदद से ट्रक चालक ने पुलिस थाने में जाकर पूरे घटना की जानकारी दी. पुलिस ने मामले में अज्ञात आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है. सीसीटीवी फुटेज के साथ ही पीड़ित चालक के बताए गए हुलिए के आधार पर इन फर्जी पुलिसकर्मियों की तलाश की जा रही है, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिल सकी है.

लंबे समय से कर रहे ठगी

ट्रक चालक के मुताबिक फर्जी पुलिसकर्मियों के पास रसीद बुक थी और उन्होंने कोई वर्दी नहीं पहनी थी. फर्जी पुलिसकर्मियों ने चालक को जो रसीद थमाया है, उसपर थाना प्रभारी जिला सरगुजा का सील भी लगा है. इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि ये आरोपी लंबे समय से इस तरह के वारदात को अंजाम दे रहे थे. आम तौर पर चालान कटने के बाद ट्रक चालक अपने रास्ते निकल जाते होंगे इसलिए उनके इस कारोबार का अब तक खुलासा नहीं हो सका था. बहरहाल अब देखना यह है कि ये फर्जी पुलिसकर्मी सरगुजा की असली पुलिस के हाथ लग पाते है या नहीं.