कांकेर (सेंट्रल छत्तीसगढ़):- तापपुर क्षेत्र के ग्राम कन्हारगांव रेल्वे स्टेशन के पास हुए कन्हैयालाल गावड़े के कत्ल की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. पुलिस ने मामले में एक आरोपी युवक को गिरफ्तार किया है. जिसने मामूली विवाद के चलते आक्रोश में आकर कन्हैयालाल गावड़े की हत्या कर दी थी और मौके से फरार हो गया था.
कंहारगांव निवासी संपतिन गावड़े ने 3 जून को पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि रेल्वे स्टेशन के पास झोपड़ी में कन्हैया गावड़े का शव सड़ी-गली अवस्था में मिला है. जिस पर भानुप्रतापपुर थाना में मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू की. इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया है.
आरोपी गिरफ्तार
पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिन्हा ने बताया कि जांच में यह बात सामने आई है कि घटना स्थल में बने झोपड़ीनुमा घर का दरवाजा में अंदर की तरफ से दरवाजे को बाहर से बंद किया जाना संभव नहीं था. साथ ही घटना स्थल से मृतक के मोबाइल और उसका वाहन भी गायब था. मृतक के द्वारा पूर्व में दिये गए शिकायत पत्राें में उल्लेखित मोबाइल नम्बराें का सीडीआर लिये जाने पर मृतक का मोबाइल मौजूदा लोकेशन भिलाई में पाया गया.
मोबाइल धारक का पता करते हुए तेरसू सोनकर और श्रवण सोनकर तक पुलिस पहुंची और उनसे पुछताछ की. पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे सब्जी बेचने का काम करते हैं और उनके मित्र सुरेंद्र गौर ने पहले श्रवण सोनकर को मोबाइल उपयोग के लिए दिया था.
कुछ दिन तक श्रवण ने मोबाइल का उपयोग किया, फिर से वापस सुरेंद्र को लौटा दिया. जिसके बाद सुरेंद्र ने मोबाइल तेरसू सोनकर को दे दिया था, जो इसका उपयोग कर रहा था. उन्होंने यह भी बताया कि सुरेंद्र कुमार गौर के पास एक नया वाहन भी है. जिस पर सुरेंद्र गौर को पकड़कर पूछताछ की गई. पूछताछ में उसने कन्हैयालाल गावड़े की हत्या करने की बात कबूल की. उसने बताया कि वह भानुप्रतापपुर क्षेत्र के ग्राम भैंसमुंडी में रहने वाले चाचा के घर आया था. जहां कुछ दिन रहने के बाद अपने रिश्ते के मामा कृपाराम के घर ग्राम टेढ़ईकोंदल चला. जहां वह एक सप्ताह तक रहा. जिसके बाद सुरेंद्र ने अपने मामा से घर लौटने की बात कही.
अपने मामा के साथ वह रेल्वे स्टेशन पहुंचा था, लेकिन ट्रेन अगले दिन सुबह 4 बजे थी और गांव से सुबह 4 बजे स्टेशन पहुंचने में देरी होने की संभावना को देखते हुए कृपाराम ने अपने परिचित कन्हैयालाल गावड़े के घर में रूकने को कहा और कल सुबह ट्रेन पकड़ने की बात कही. पूछताछ में सुरेंद्र ने बताया कि अगले दिन वह ट्रेन पकड़ने के लिए तैयार हो गया था. जिस पर कन्हैयालाल ने उससे कहा था कि अभी कुछ काम नहीं है, तो कुछ दिन मेरे घर पर ही रूक जाओ और छप्पर उतारने का कार्य कर देना.
जिस पर कन्हैया गावड़े के घर रुक गया. तीन-चार दिनों तक वह मृतक के घर पर रूका हुआ था और साथ में रहकर काम करता और शराब भी पीता था. 24 जून को मृतक ने सुरेंद्र को बीड़ी और शराब लाने के लिए भेजा लेकिन वह केवल शराब लेकर आया. बीड़ी नहीं लाने की बात कहने पर दोनों के बीच विवाद हो गया. जिस पर पास में पड़े पत्थर से आरोपी ने कन्हैया गावड़े के सिर में मारकर उसकी हत्या कर दी और दरवाजे को बंद कर ताला लगाकर कन्हैया गावड़े की वाहन लेकर फरार हो गया.
आरोपी सुरेंद्र गौड़ 24 जून दोपहर 3 बजे से मृतक का मोबाइल लेकर चलना शुरू किया और डौंडी लोहारा जाकर मोबाइल बंद कर दिया. 25 जून को उसने मोबाइल दूसरे को दे दिया.