कोरबा/कटघोरा 15 अक्टूबर 2022 ( सेंट्रल छत्तीसगढ़ ) :- पलक झपकते ही चंद सेकेंड में आसमान छूती चिमनी जमीन पर आकर ध्वस्त हो गई। यह नजारा शुक्रवार को छुरी खुर्द स्थित वंदना एनर्जी प्लांट के चिमनी डिस्मेंटल के दौरान देखने को मिला। छुरी खुर्द में वंदना एनर्जी प्लांट की स्थापना की गई थी। इसके लिए वर्ष 2008-9 में लगभग 35 से अधिक किसानों की लगभग 700 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई थी। 1050 मेगावाट क्षमता प्लांट स्थापित करने की योजना थी। पहले चरण में 35 मेगावाट की एक इकाई स्थापित की गई थी।
अप्रेल 2012 में इकाई शुरू कर दी गई, लेकिन चार माह के अंदर ही इकाई बंद हो गई। कंपनी पर कर्ज बढ़ता गया। जिसके कारण संयंत्र को बंद करना पड़ा। संयंत्र की छोटी खुर्द में व छुरी खुर्द में एक-एक चिमनी है, जिसमें से छोटी खुर्द की छोटी चिमनी को शुक्रवार को डिस्मेंटल किया गया। डिस्मेंटल के दौरान कुछ ग्रामीणों के मकान भी क्षतिग्रस्त हुए, जिससे विवाद की स्थिति निर्मित हो गई। सूचना मिलने पर डायल 112 की टीम मौके पर पहुंची। कंपनी के अफसरों द्वारा प्रभावित ग्रामीणों को क्षतिपूर्ति राशि दिए जाने के आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ।
किसानों को न मिली नौकरी और न ही मिली जमीन
छुरी खुर्द में स्थापित की गई वंदना एनर्जी प्लांट स्थापित करने से पूर्व इस गांव से 35 से अधिक किसानों की जमीन को अधिग्रहित किया गया था। वंदना एनर्जी द्वारा प्रभावित किसानों के परिवार को नौकरी देने का वादा किया गया था। लेकिन किसानों वादे के मुताबिक न ही नौकरी दी गई। और अब बैंकों द्वारा कर्ज के भरपाई के लिए जमीन को काबिज कर लिया गया है। इस वंदना एनर्जी प्लांट के स्थापना के बाद यहां के किसानों में क्षेत्र के विकास को लेकर जो उम्मीद जागी थी अब इस प्लांट के पूरी तरह डिस्मेंटल होने से किसानों को केवल निराशा हांथ लगी।