Secl खदानों के निजीकरण के विरोध में उतरे श्रमिक संगठन, काली पट्टी बांध काला दिवस मनाया, केंद्र पर जताई नाराजगी…

कोरबा (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़) कटघोरा / रामचरण साहू : कोयला खनन क्षेत्र में कामर्शियल माइनिंग को मंजूरी देने के साथ ही कोयला खदानों के निजीकरण का मार्ग प्रशस्त होने का कोयला खान क्षेत्रों में जमकर विरोध होने लगा है। केंद्र सरकार के इस फैसले के विरोध में एसईसीएल क्षेत्र में सक्रिय श्रमिक संगठन एटक, एचएमएस, सीटू एवं इंटक द्वारा क्षेत्र की कोयला खदानों में लाकडाउन की परवाह किए बगैर केंद्र सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया। आज एसईसीएल क्षेत्र के ढेलवाडीह तथा बगदेवा भूमिगत खदान के श्रमिक संगठनों के कार्यरत कर्मचारियों ने आज के दिन को काला दिवस के रूप में मनाया। सभी में हांथों में काली पट्टी व मास्क लगाकर कार्य करने का निर्णय लिया।

जनविरोधी सरकार कमर्शियल कोल माइनिंग समेत खदानों के लीज ट्रांसफर, 50 कोल ब्लाक का आवंटन के निर्णय के जरिये मोदी सरकार साजिश के तहत कार्पोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रही है। एचएमएस नेता ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने कोयला सेक्टर में सरकार का एकाधिकार खत्म करने की साजिश रची है। जिसका सभी श्रमिक संगठन एक स्वर में निंदा कर रहा है।