
कोरबा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ): जिले के पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड के ग्राम पंचायत अडसरा के आश्रित ग्राम केदाई पड़ो मोहल्ला में रह रहे 38 पंडों परिवार गंभीर स्वास्थ्य संकट से जूझ रहे हैं। इस गांव में चमड़ी संबंधी संक्रमण तेजी से फैल रहा है, जिससे बच्चों के हाथों पर गहरा असर पड़ा है। संक्रमण का मुख्य कारण विजय वेस्ट कोयला खदान से निकलने वाले प्रदूषित पानी को माना जा रहा है, जो आसपास के लोगों के संपर्क में आकर उन्हें बीमार कर रहा है।
गांव में हालात इतने खराब हो चुके हैं कि बच्चों के हाथ सिकुड़ रहे हैं और वे बुखार से पीड़ित हो रहे हैं। वहीं, वयस्कों को पूरे शरीर में खुजली और फोड़े-फुंसी की गंभीर समस्या हो रही है, जो लगातार बढ़ती जा रही है। अब तक स्वास्थ्य विभाग का कोई भी अधिकारी इस गांव में नहीं पहुंचा था, जिससे स्थिति और भी गंभीर होती जा रही थी। अगर जल्द ही उचित उपचार नहीं किया गया तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
गांव में न स्कूल है और न ही आंगनबाड़ी केंद्र, जिससे बच्चों की शिक्षा भी प्रभावित हो रही है। इस कठिन समय में भी बच्चे परीक्षा दे रहे हैं, लेकिन तेज बुखार, हाथों में सूजन और शरीर में पस भरी फुंसियों के कारण वे ना तो सही तरीके से पढ़ पा रहे हैं और ना ही रोजमर्रा के काम कर पा रहे हैं।
एकता परिषद संगठन और सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ के पदाधिकारी जब इस गांव में पहुंचे, तो उन्होंने प्रत्यक्ष रूप से स्थिति को देखा और पंडों परिवारों की समस्याओं से अवगत हुए। इस मुद्दे पर प्रशासन की ओर से लापरवाही देखने को मिली, लेकिन स्थानीय दबाव के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया।
बीएमओ दीपक राज ने जानकारी दी कि पसान स्वास्थ्य विभाग की टीम को प्रभावित गांव में भेजा गया है और वहां रहने वाले लोगों का इलाज किया जा रहा है। हालांकि, गांव में अब भी बुनियादी सुविधाओं की कमी बनी हुई है और निवासियों को उचित स्वास्थ्य सेवाओं की तत्काल आवश्यकता है।