Katghora Nagar Palika Election: विरेन्द्र मोहन जायसवाल होंगे BJP से कटघोरा अध्यक्ष का चेहरा?.. पिछले चुनाव में कांग्रेस को दी थी कड़ी टक्कर, पढ़ें समीकरण

कोरबा ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़): कटघोरा में आगामी नगरीय निकाय चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। आरक्षण सूची जारी होने के बाद, भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल अपने संभावित उम्मीदवारों की तलाश में जुट गए हैं। दोनों पार्टियों के कई वरिष्ठ नेताओं ने अपनी दावेदारी पेश की है, जिससे चुनावी समीकरण और अधिक दिलचस्प हो गए हैं।

इस बार ओबीसी मुक्त आरक्षण के चलते कई बड़े नेताओं को मौका मिलने की उम्मीद है। पुराने और अनुभवी चेहरे भी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। अध्यक्ष और पार्षद पदों के लिए पार्टी के अंदर प्रतिस्पर्धा चरम पर है।

भाजपा से विरेन्द्र मोहन जायसवाल हो सकते हैं अध्यक्ष पद के उम्मीदवार

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व पार्षद विरेन्द्र मोहन जायसवाल का नाम नगरपालिका अध्यक्ष पद के लिए चर्चा में है। वार्ड नंबर 5, नवागांव क्षेत्र में उनकी सक्रियता और जनसंपर्क की वजह से पार्टी के लिए यह नाम मजबूत विकल्प माना जा रहा है। दरअसल पिछले निकाय चुनाव में विरेन्द्र मोहन जायसवाल को महज दो वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस के उम्मीदवार से मिली इस करीबी हार के बावजूद, उन्होंने क्षेत्र में अपनी पकड़ बरकरार रखी है। इस बार वे अध्यक्ष पद के लिए मजबूत दावेदारी कर रहे हैं।

जायसवाल समाज का समर्थन निर्णायक

कटघोरा में जायसवाल समाज का प्रभाव काफी अधिक है। सबसे ज्यादा मतदाता इसी समाज से आते हैं, जिससे राजनीतिक दल इस समाज को नजरअंदाज नहीं कर सकते। विरेन्द्र मोहन जायसवाल को अपने समाज का पूरा समर्थन मिलने की उम्मीद है।

विधानसभा और लोकसभा चुनावों में निभाई अहम भूमिका

विरेन्द्र मोहन जायसवाल ने भाजपा के लिए विधानसभा और लोकसभा चुनावों में सक्रिय भूमिका निभाई थी। उन्होंने कटघोरा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार को बढ़त दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। पार्टी के प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी भी उन्होंने बखूबी संभाली। भारतीय जनता युवा मोर्चा के सक्रिय सदस्य के रूप में, विरेन्द्र मोहन जायसवाल ने युवाओं के बीच गहरी पैठ बनाई है। उनकी लोकप्रियता भाजपा के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। इस बार के चुनाव में विरेन्द्र मोहन जायसवाल के नेतृत्व और उनके समाज के समर्थन से भाजपा की उम्मीदें और मजबूत हो गई हैं। ऐसे में देखना होगा कि कांग्रेस किसे अपना उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतारती है और यह चुनाव कितना रोमांचक साबित होता है।