रायपुर (सेंट्रल छत्तीसगढ़): करप्शन के आरोपों में घिरे निलंबित आईपीएस जीपी सिंह पर राजद्रोह का केस (sedition case) दर्ज किया गया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ACB और EOW ने अपनी जानकारी के मुताबिक कार्रवाई की है. जो दस्तावेज जीपी सिंह के पास मिले और जिन कार्यों में वे संलिप्त रहे, उसके हिसाब से धाराएं लगी हैं. सीएम हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की अंत्येष्टि में शामिल होने शिमला गए हैं.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
पहली बार सीनियर IPS के खिलाफ राजद्रोह दर्ज
ACB के पूर्व चीफ और निलंबित IPS जीपी सिंह के ठिकानों पर छापेमारी में ऐसी चिठ्ठियां मिली हैं, जिसमें सरकार के खिलाफ साजिश का खुलासा हुआ है. चिठ्ठियों में किस तरह की साजिश रची गई थी, फिलहाल इसका खुलासा नहीं किया गया है. लेकिन यह जरूर बताया गया है कि निलंबित IPS सरकार के खिलाफ षड्यंत्र रच रहे थे. जिसकी वजह से उन पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है. छत्तीसगढ़ में पहली बार किसी सीनियर IPS के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है.
अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप
जीपी सिंह के खिलाफ आर्थिक अपराध ब्यूरो के कार्यकाल के दौरान डरा-धमकाकर अवैध वसूली के जरिए आय से अधिक संपत्ति रखने की शिकायत मिल रही थी. जिसके आधार पर जांच शुरू की गई. रायपुर, भिलाई, राजनांदगांव और ओडिशा में बेनामी संपत्तियां अर्जित करने की पुष्टि हुई है. जांच के दौरान इस बात के पुख्ता प्रमाण मिले थे कि जीपी सिंह ने अलग-अलग जगहों पर करोड़ों की अनुपातहीन अवैध संपति अर्जित की है. उन्होंने कई बड़े लेन-देन किए हैं. शेल कंपनियों में निवेश करके मनी लॉन्ड्रिंग का प्रयास भी किया है.