रायपुर (सेंट्रल छत्तीसगढ़):- राजद्रोह का मुकदमा दर्ज होने के बाद निलंबित आईपीएस जीपी सिंह (Suspended IPS GP Singh) हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे हैं. जीपी सिंह ने उच्च न्यायालय में याचिका लगाकर सीबीआई जांच की मांग (CBI investigation requested) की है. आईपीएस ने अपने खिलाफ हुई कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण बताया है. उनके वकील किशोर भादुड़ी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.
निलंबित IPS के खिलाफ राजधानी के कोतवाली थाना में राजद्रोह का केस (sedition case) दर्ज किया है. छत्तीसगढ़ में पहली बार किसी सीनियर IPS के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है. पहले जीपी सिंह के यहां ACB का छापा पड़ा. उसके बाद निलंबित किया गया और अब राजद्रोह का केस दर्ज किया गया है. आर्थिक अपराध के मामलों में ACB की छापामार कार्रवाई के दौरान कुछ ऐसी चिठ्ठियां प्रशासनिक अफसरों ने बरामद की है, जिसमें सरकार के खिलाफ गतिविधियों की जानकारी पुलिस को मिली है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने कहा कि ACB और EOW ने अपनी जानकारी के मुताबिक कार्रवाई की है. जो दस्तावेज जीपी सिंह के पास मिले और जिन कार्यों में वे संलिप्त रहे, उसके हिसाब से धाराएं लगी हैं.
जीपी सिंह 1994 बैच के IPS हैं. प्रदेश के अलग-अलग जिलों में SP भी रह चुके हैं. इसके अलावा बिलासपुर, दुर्ग और रायपुर जिले के IGP भी रह चुके हैं. जीपी सिंह EOW और एंटी करप्शन ब्यूरो के मुखिया भी रह चुके हैं. सरकार ने उन्हें ACB से हटाकर पुलिस अकादमी में पदस्थ किया था.