FIR के बाद कालीचरण का चैलेंज: गांधी को गाली दी अफ़सोस नही मृत्युदंड भी स्वीकार, गोडसे की मेरा साष्टांग प्रणाम..


रायपुर(सेंट्रल छत्तीसगढ़) : 
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में विवादित बयान देने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. रायपुर में आयोजित धर्म संसद में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति विवादित बयान देने वाले धर्म गुरु कालीचरण महाराज ने एक वीडियो (kalicharan maharaj video viral) जारी अब अपना बयान जारी किया है. इसमें कालीचरण ने कहा कि महात्मा गांधी के खिलाफ अपशब्द बोलने पर मेरे ऊपर एफआईआर दर्ज हुई, इसका मुझे पश्चाताप नहीं है.

हिंदुओं के तिरस्कार का लगाया आरोप

इतना ही नहीं अपने बयान में कालीचरण महाराज (kalicharan Maharaj Remarks on Mahatma Gandhi) ने कहा है कि महात्मा गांधी ने हिंदुओं का सिर्फ तिरस्कार किया है. मैं महात्मा गांधी से नफरत करता (kalicharan Maharaj Abused Mahatma Gandhi) हूं. महात्मा गांधी के प्रति मेरे हृदय में तिरस्कार है. बता दें कि रायपुर में आयोजित धर्म संसद में कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी को देश के विभाजन के लिए बापू को जिम्मेदार ठहराया था और गोडसे की तारीफ की थी. एक बार फिर से एक वीडियो जारी कर कालीचरण ने अब नाथूराम गोडसे को महात्मा कहा है.

महात्मा गांधी चाहते तो रुकवा सकते थे भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की फांसी…

कालीचरण ने जारी वीडियो में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर कई आरोप लगाए (kalicharan Maharaj Controversial Statement ) हैं. बापू को देश के बंटवारे का जिम्मेदार ठहराया है. अपने बयान में कालीचरण ने आरोप लगाते हुए कहा है कि महात्मा गांधी चाहते तो भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की फांसी को रुकवा सकते थे. लेकिन महात्मा गांधी ने सिर्फ वंशवाद को बढ़ावा दिया है.

राष्ट्र का कोई पिता नहीं हो सकता…!

कालीचरण ने जारी वीडियो में कहा है कि राष्ट्र सदियों से चला आ रहा है. राष्ट्र का कोई पिता नहीं हो सकता. अगर राष्ट्रपिता बनाना ही है तो सरदार वल्लभ भाई पटेल, महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी जैसे महान लोगों को बनाना चाहिए. जिन्होंने राष्ट्र को संगठित और एक करने का काम किया.

सच बोलने की सजा अगर मृत्युदंड तो मुझे यह सहर्ष स्वीकार…

अपने बयान आगे कालीचरण (Religious Guru Kalicharan Maharaj) ने कहा है कि कई ऐसे महान लोग हुए हैं, जिन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अपने वंशों का बलिदान दिया है. कई लोगों ने धर्म की रक्षा के लिए अपनी जान दे दी. मुझ जैसा तुच्छ जंतु भी जीकर क्या करेगा. मुझ जैसे करोड़ों कालीचरण मरने को तैयार हैं. कालीचरण ने कहा कि अगर सच बोलने पर मृत्युदंड की सजा दी जाती है तो मुझे यह सहर्ष स्वीकार है.