कोरबा/पोंडी उपरोड़ा 29 जनवरी 2024 ( सेंट्रल छत्तीसगढ़ ) : पोंडी उपरोड़ा में एकलव्य आवासीय विद्यालय में एक अधीक्षिका द्वारा छात्रावास में अध्ययनरत बच्चियों से मारपीट व प्रताड़ना का मामला सामने आया है। यह मामला लगभग 13 दिन पूर्व का है लेकिन पालकों की शिकायत के बाद भी आदिवासी विभाग द्वारा उचित कार्यवाही न करने से पालको में काफी नाराजगी देखी जा रही है।
बतादें की मामला यह है के पोंडी उपरोड़ा के एकलव्य आवासीय विद्यालय में 16 जनवरी रविवार को छात्रावास में अध्ययनरत छात्राओं से उनके परिजन मुलाकात करने पहुंचे हुए थे। छात्राओं ने अपने पालको से छात्रावास में खाना सही नही मिलता तथा खाना में कई प्रकार की कमियां होना बताया। जिसकी जानकारी हॉस्टल अधीक्षिका आशा कुजूर को लगते ही बच्चों को रूम से बाहर निकालकर जमकर डांट फटकार लगाई और एक बच्ची के बाल पकड़कर खींची,जिससे वहां मौजूद सभी बच्चीयां पूरे घटना से सहम गई और 2 दिन तक डरी हुई थी तथा मानसिक तनाव में रहीं।
इस घटना के चार दिन बाद 18 जनवरी को स्कूल के दौरान सभी 8वी और 9वी कक्षा के बच्चे हॉस्टल अधीक्षिका की शिकायत लेकर तथा नया हॉस्टल सुविधा उपलब्ध कराने की मांग को लेकर जनपद कार्यालय पोंडी उपरोड़ा के बाहर धरने पर बैठ गए,और मांग करते रहे की ए. सी. कोरबा या कलेक्टर कोरबा को बुलाया जाए कहकर नारेबाजी करते रहे। इस मामले की जानकारी स्कूल स्टॉप को पता चलते ही धरने पर बैठे बच्चो को बहला फुसलाकर स्कूल ले जाया गया।
परिजनों अपने बच्चों को विद्यालय ही भेजना बन्द कर दिया और टीसी निकालकर दूसरे विद्यालय में पढ़ाने का विचार कर रहे.. देखिए वीडियो..
इस घटना की जानकारी लगते ही जिला आदिवासी विकास विभाग कोरबा के सहायक आयुक्त अगले दिन उक्त विषय की जांच हेतु पहुंचे। परिजनों ने आरोप लगाते हुए बताया कि सहायक आयुक्त एकलव्य आवासीय छात्रावास पहुंचे, परंतु बच्चो की बात को नही सुना गया। और न ही स्कूल के दौरान बच्चो के धरने पर बैठने की वजह पूछी गई। परिजनों का कहना है कि सहायक आयुक्त को तत्काल इस मामले पर संज्ञान लेते हुए एक्शन लिया जाना था परंतु यहां तो अधीक्षिका को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। पालक वीरेंद्र मरकाम ने बताया कि इसकी शिकायत कोरबा जिला कलेक्टर, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, उप मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ विजय शर्मा से की है। परिजनों का कहाना है अब तो हमने अपने बच्चों को विद्यालय ही भेजना बन्द कर दिया और टीसी निकालकर दूसरे विद्यालय में पढ़ाने का विचार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यदि हॉस्टल अधीक्षिका पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नही की जाती है तो सभी पालकगण उग्र आदोंलन करेंगे।
अधीक्षिका का पति हॉस्टल में करता है आना जाना
एकलव्य आवासीय विद्यालय के छात्रावास की अधीक्षिका आशा कुजूर जिनके पति मुस्लिम हैं और हॉस्टल में आयदिन देर रात तक अनावश्यक रूप से बच्चो के रूम में घुसता है और बालिका छात्रा वास का पूरा मैनेजमेंट वही देखते है जबकि उनकी पत्नी अधीक्षिका है। अधीक्षिका के पति का बालिका छात्रावास में बिना समय अनावश्यक कार्य के आना जाना संदेहास्पद प्रतीत होता है।
अगर सब कुछ ठीक तो बच्चों को जनपद में धरना क्यों देना पड़ा
आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त की जांच रिपोर्ट में कहना है कि सबकुछ ठीक है। हॉस्टल में खाने पीने की समस्या थी जिसे ठीक कर दिया गया है। लेकिन वहीं परिजनों का कहना है कि अगर बालिका छात्रावास और बालक छात्रावास में सब कुछ ठीक है,किसी प्रकार की अव्यवस्था नही है,तो बच्चो को स्कूल समय पर जनपद कार्यालय के बाहर धरना देने की आवस्यक्ता क्यों पड़ी, यह चिंतनीय विषय है।