कोरबा/कटघोरा 01 फरवरी2024 ( सेंट्रल छत्तीसगढ़) : श्रीया महिला स्व-सहायता समूह विगत एक वर्ष से कटघोरा बस स्टैंड में गढ़ कलेवा का संचालन कर रही है, गढ़ कलेवा छत्तीसगढ़ शासन की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसके माध्यम से महिलाओं को रोजगार प्राप्त हुआ है। इस महिला समूह से 16 महिलाएं जुड़ी हुई हैं, जो अपना पूरा समय गढ़ कलेवा को दे रही हैं। तत्कालीन जिलाधिकारी संजीव झा ने महिला समूह की मांग पर उनको बस स्टैंड कटघोरा में पशु चिकित्सालय का पुराना भवन गढ़ कलेवा संचालन के लिए उपलब्ध कराया था और इस भवन के जीर्णोद्धार का आश्वासन महिला सदस्यों को दिया था। भवन पुराना जर्जर होने के कारण समूह ने स्वयं के खर्च से टेंट लगाकर संचालन शुरू कर दिया।
भवन में मूलभूत सुविधाओं जैसे भवन में खिड़की, दरवाजा ,शौचालय ,भवन का पुराना छत ,जर्जर दीवार एवं बाउंड्री वाल की कमी होने के कारण संचालन करने में समस्या हो रही है। इस समस्या से महिला समूह ने प्रशासन को जनदर्शन के माध्यम से कई बार अवगत कराया परंतु आज पर्यंत तक समाधान नहीं हो सका है। केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण हेतु कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, उसी में एक गढ़ कलेवा भी है। जिसके माध्यम से छत्तीसगढ़ के परंपरागत पकवान जैसे ठेठरी,खुरमी, चीला, फरा, महुआ लाडू, अंगाकर रोटी इत्यादि को परोसा जाता है। जिला कोरबा का एकमात्र गढ़ कलेवा कटघोरा में स्थापित है, जोकि वर्तमान स्थिति में अभी मूलभूत आवश्यकताओं की कमी से जूझ रहा है।
कटघोरा छत्तीसगढ़ के कई पर्यटन क्षेत्र को जाने का एक केंद्र है जो सतरेंगा, अमरकंटक ,चैतुरगढ़ आदि को जोड़ता है। इसके साथ ही यह कई सीमावर्ती जिलों एवं राज्यों को भी जोड़ता है। इसलिए यहां हमेशा यात्रीगण एवं पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। गढ़ कलेवा कटघोरा के मध्य में होने के कारण यहां सभी के लिए भोजन एवं स्वल्पाहार की एक अच्छी व्यवस्था है इस ओर शासन को विशेष ध्यान देते हुए भवन के जीर्णोद्धार का कार्य शीघ्र किया जाना चाहिए। ताकि आज के आधुनिक युग के लोगों को छत्तीसगढ़ के पारंपरिक स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद गढ़ कलेवा के माध्यम से लोगो को मिल सके।