CG Breaking : महाठग राज शंकर लाल रजक फिर सलाखों के पीछे.. कवर्धा न्याययिक मजिस्ट्रेट का सख्त निर्देश.. 9 वर्ष की सजा व 54 हज़ार जुर्माने से किया दण्डित.. 420 की धारा का सज़ा याफ्ता है मुजरिम.

कोरबा/कवर्धा(सेंट्रल छत्तीसगढ़) :- कोरबा जिले के कटघोरा के महाठग राज शंकर लाल रजक कवर्धा मे 27 लोगों से नौकरी लगाने के नाम पर धोखाधड़ी कर पैसा लिया था, जिसमें 420 का प्रकरण पुलिस ने कोतवाली कवर्धा मे पंजीबद्ध किया था । उक्त प्रकरण में निचली अदालत ने आरोपी को तीन वर्ष की सजा सुनाईं थी। आरोपी अपील जमानत पर था, प्रकरण मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नरेन्द्र कुमार के न्यायालय में चल रहा था।

न्यायालय द्वारा आरोपी के सजा को यथावत करते हुए तीन तीन तीन कुल 9 वर्ष की सजा एवं 54 हजार रूपये के जुर्माने से दण्डित करते हुए सजा यथावत किया है। पुलिस द्वारा आरोपी के विरुद्ध एक केश बनाकर बाकी लोगों को गवाही बनाया गया था। आरोपी की सजा यथावत कर दिनांक 9/12/21 को महाठग राज व मां कोसगाई सेवा संस्थान के संचालक शंकर लाल रजक को जेल भेज दिया गया है।

बतादें के कटघोरा ब्लॉक के ग्राम पंचायत हुंकरा निवासी शेकर लाल रजक मां कोसगई सेवा संस्थान के नाम से अपनी सेवा कार्य को अंजाम देने के लिए क्षेत्र में अपनी अलग छाप छोड़ चुकी है। लेकिन इस पुनीत कार्य के पीछे की सच्चाई शायद ही आंकलन किसी के द्वारा बिल्कुल भी नही लगाया जा सकता है। लेकिन समय के साथ क्षेत्र में अपने सेवा कार्यों से प्रसिद्धि बटोरने वाले शंकर लाल रजक की वास्तविकता लोगों के सामने आने लगी और शंकर लाल रजक का खुलाशा कवर्धा जिले से 27 लोगों से नौकरी लगाने के नाम से मोटी रकम वसूलने की घटना सामने आई। और मामला दर्ज होने के बाद ही फरार शंकर लाल रजक और उनके अन्य करीबी साथियों को अम्बिकापुर में में गिरफ्तार कर जेल दाखिल किया गया था और शंकर के बड़ा बेटा रवि रजक फरार ही था।

कोरोना महामारी के चलते कुछ सजा याफ्ता मुजरिमों को पैरोल के तहत रिहाई दी गई थी लेकिन यह आदेश शासन की अधीन था। जिसके तहत आज कवर्धा न्याययिक मजिस्ट्रेट ने सजा याफ्ता मुजरिम शंकर लाल रजक की सज़ा को यथावत करते हुए निर्देश जारी किया। महाठग राज शंकर लाल रजक की कहानी कटघोरा से शुरू होकर पूरे कोरबा जिले में अपनी प्रसिद्धि बटोरने के बाद अन्य राज्यों की सीमा तक भी अपनी पहुंच बना चुका था। कटघोरा न्यायालय में शंकर लाल रजक के लगभग 27 प्रकरण लंबित है साथ राज्य के अन्य जिलों के न्यायालय में कई प्रकरण लंबित चल रहे हैं। जिसमें चेक बाउंस के अनेक मामले, जमीन से सबंधित और नौकरी लगाने के नाम से पैसा लेने के अनेकों प्रकरण, कई लोगों से झूठे तरीके से पैसों की ठगी की घटना को अंजाम दिया गया है। इस तरह के ठगराज के अन्य मामलों पर पूरी तरह जांच का कार्यवाही सुनिश्चित कर सजा निर्धारित करें ।