कोरबा ( हिमांशु डिक्सेना) पाली : – कोरोना वायरस से उपजी विपरीत परिस्थितियों ने पूरी दुनिया को परेशान कर रखा है, लेकिन इस आपदा के कुछ शसकारात्मक पहलू भी देखने को मिले. लॉकडाउन के दौरान औद्योगिक से लेकर सड़कों पर मोटर वाहनों के जरिए होने वाला प्रदूषण बड़ी मात्रा में घटा है. पर्यावरण के दृष्टिकोण से असंतुलन भरी परिस्थितियां काफी हद तक सामान्य हुई. कोरोनाकाल में पर्यावरण को बेहद फायदा पहुंचा है. जिसमें कोरबा जिले का तिंनझरिया जलप्रपात भी है.
जलप्रपातों में शुमार तिंनझरिया जलप्रपात बीते कुछ सालों से अपना अस्तित्व बचाने की जंग लड़ रहा था, लेकिन इस साल हुई अच्छी बारिश से तिंनझरिया जलप्रपात का मनोरम स्वरूप फिर से दिखाई दे रहा है, लगभग 50 फीट की ऊंचाई से कल-कल बहता जल आंखों को सुकून देने वाला हैं, तिंर जलप्रपात इस समय अपने सबसे खूबसूरत स्वरूप में है
जलप्रपात कोरबा जिले के कटघोरा से पेंड्रा जाने वाले के 20 किलोमीटर पास पाली विकास खण्ड के उड़ान ग्राम के अंदर पर स्थित है.जिला मुख्यालय से इसकी दूरी 80 किलोमीटर है. जहां एक पहाड़ी नदी करीब 50 फीट की ऊंचाई से गिरकर एक खूबसूरत जलप्रपात का निर्माण करती है. जलप्रपात के इर्द-गिर्द कई बड़े पत्थर हैं. तिंनझरिया जलप्रपात नदी से कुछ ही दूरी पर स्थित है.पर्यटकों के लिए खास इंतजामनहीं
तिंनझरिया जलप्रपात का लुत्फ उठाते वक्त सावधानी बरतना बेहद जरूरी है.
छत्तीसगढ़ कोरबा का अद्भुत जलप्रपात हैं. यहां पहुंचने वाले यहां के मनोरम दृश्य से मंत्रमुग्ध हो जाते है. हालांकि इनका मानना है कि संरक्षण के अभाव में इसका विकास रुक गया है.
पाली विकास खण्ड के कई जलप्रपात के स्वरूप में मनोरम दृश्य