बलरामपुर पुलिस ने मजदूरी के नाम पर लोगों को बंधक बनाकर रखने वाले आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके चंगुल से 7 नाबालिगों और 8 को छुड़ा लिया है.

बलरामपुर (सेंट्रल छत्तीसगढ़) : दूसरे राज्यों में छत्तीसगढ़ के लोगों को बंधुआ मजदूर बनाकर रखने के मामले में पुलिस ने एक महिला समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपियों के चंगुल से 15 लोगों को छुड़ाया जिसमें 7 नाबालिग हैं. इसकी जानकारी रामानुजगंज थाने में एसपी रामकृष्ण साहू ने दी है.

विजय नगर पुलिस चौकी में ग्राम चुमरा के रहने वाले अगरिया ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके नाबालिग लड़के को बिचरण यादव और बंसी गोंड उत्तर प्रदेश के बनारस रोजगार दिलाने के नाम पर ले गए थे. गांव के 10 से 12 नाबालिगों का कई दिनों से पता नहीं चल पा रहा था और न ही उनसे संपर्क हो पा रहा था. जिसके बाद इसकी सूचना पुलिस को दी गई. वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई और पुलिस ने इसकी पड़ताल शुरू की.

खोजबीन और जांच पड़ताल करते हुए पुलिस बिचरण यादव और बंसी गोंड तक पहुंच गई. एसपी साहू ने अलग-अलग टीम गठित किया. हरियाणा, गाजियाबाद, दिल्ली, मेरठ और जम्मू-कश्मीर की पुलिस की मदद से कई इलाकों में छापेमारी कार्रवाई करते हुई नाबालिग और उनके साथ बालिग मजदूरों को आरोपियों के कब्जे से छुड़ा लिया गया. पुलिस ने एक महिला के साथ 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

बता दें कि बीते 25 मार्च से कोरोना संकट के मद्देनजर किए गए देश व्यापी लॉकडाउन में प्रदेश के कई मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे रहे. कई मजदूरों को बंदी बनाकर रखा गया, उन्हें अपने घर नहीं जाने दिया. छत्तीसगढ़ पुलिस लगातार ऐसे लोगों की मदद करने में लगी रही और आरोपियों के चंगुल से लोगों को छुड़ाया गया.