पोंडी उपरोड़ा के ग्राम मल्दा में आंगनबाड़ी केंद्र के खोले जाने पर आंगनवाड़ी कार्यक्रताओं व पालकों ने अपनी असहमति जताई, कहा – कोरोना संक्रमण का हो सकता है खतरा…

कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) हिमांशु डिक्सेना : कोरोना काल के बीच प्रदेश सरकार ने 7 सितंबर से आंगनबाड़ी खोलने का आदेश जारी किया गया था जिसका जिले में विरोध होना शुरू हो गया है. सोमवार को ग्राम पंचायत मल्दा के श आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने सरपंच आंगनबाड़ी ना खोलने की सहमति बनाई है

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नन्हे बच्चों को संक्रमण फैलने का बताया खतरा

कोरबा जिले में कोरोना का कहर लगातार बढ़ रहा है. जिले के शहर व ग्रामीण क्षेत्रों इसकी चपेट में आ चुके हैं. उन्होंने सरपंच को आवेदन में लिखा है कि आंगनबाड़ी केंद्र में पहुंचने वाले बच्चे 6 साल तक के होते हैं और बच्चों को इस बात की बिल्कुल भी समझ नहीं है कि वे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर सकें.

उन्होंने सरपंच केमाध्यम से कहा कि केंद्र खोले जाने के बाद बच्चें एक दूसरे के संपर्क में आएंगे और कोरोना का खतरा बढ़ जाएगा. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व पालक ने लिखा है कि कोरोना वायरस बच्चों और बुजुर्गों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक है. क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका के साथ पालक भी कर रही विरोध

जिले के कई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका ने भी सरकार के 7 सितंबर से आंगनबाड़ी खोलने का विरोध शुरू कर दिया हैं. इसके अलावा बच्चों सहित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के लिए बीमा की मांग की जाएगी.