कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) हिमांशु डिक्सेना : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज देर शाम सभी जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में बारिश के कारण निर्मित बाढ़ की परिस्थतियों और अतिवृष्टि से हुए नुकसान की जिले वार समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को अपने-अपने जिलों में भारी बारिश, वज्रपात एवं आंधी से हुई जनहानि, फसलहानि, पशुहानि या संपत्ति आदि की हानि का विस्तृत आंकलन तत्काल कर प्रभावितोे को राजस्व पुस्तिका परिपत्र 6-4 के तहत त्वरित मुआवजा सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री श्री बघेल को कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने कोरबा जिले में अतिवृष्टि से बनी स्थितियों और प्रभावित लोगों को दी जा रही राहत की जानकारी दी। कलेक्टर ने मुख्यमंत्री को बताया कि पिछले दो दिनों से हो रही बारिश के बाद भी कोरबा जिलें में स्थिति नियंत्रण में है। प्रशासन अतिवृष्टि से बनने वाली किसी भी विपरीत स्थिति से निपटने के लिए मुस्तैद है। समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव श्री आर.पी.मंडल सहित वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
सबसे पहले हो बाढ़ में फंसे लोगों की जान बचाने के इंतजाम
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने समीक्षा के दौरान सभी जिलों के कलेक्टरों को सबसे पहले बाढ़ में फंसे लोगों की जान बचाने के लिए जरूरी इंतजाम करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देशित किया कि पानी से घिरे जल भराव वाले इलाकों में बाढ़ की स्थिति बनने पर नाव आदि सभी जरूरी जीवन रक्षक उपकरणों और दवाओं के साथ आपदा प्रबंधन के प्रशिक्षित दलों को रेस्क्यू के लिए लगाया जाये। श्री बघेल ने ऐसे सभी क्षेत्रों में पर्याप्त राहत शिविरों के संचालन और उनमें जरूरी इंतजाम भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने सभी रेस्क्यू आपरेशनों और राहत शिविरों में कोविड संक्रमण को ध्यान में रखकर ही गतिविधियां संचालित करने को भी कहा। श्री बघेल ने बाढ़ या पानी उतरने के बाद इलाके में लोगों को किसी भी संभावित महामारी से बचाने के लिए स्वास्थ्य परीक्षण और पर्याप्त दवाइयों आदि की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने ऐसे सभी इलाकों में पीने का साफ पानी उपलब्ध कराने के लिए भी सभी जरूरी इंतजाम सुनिश्चित करने के निर्देश नगरीय प्रशासन तथा पीएचई विभाग के अधिकारियों को दिए। मुख्यमंत्री ने ऐसी सभी जगहों के जल स्त्रोतों, हेंडपंप और नलकूपों को क्लोरीनीकरण कर पानी शुद्ध करने के निर्देश दिए। श्री बघेल ने जिले के छोटे और बड़े बांधों तथा जलाशयों में पानी भराव और निकासी की भी निगरानी करने के निर्देश सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दिए।
कोरबा जिले में 840 मकान क्षतिग्रस्त, 27 हेक्टेयर फसल भी खराब हुई
कलेक्टर ने बताया कि जिले में पिछले दो दिनों से हो रही लगातार बारिश से जिले की अहिरन, मांड, सोन, लीलागर से लेकर हसदेव नदी तक में जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। जिले के छोटे-बड़े नाले भी उफान पर है। सभी निचले और जलभराव की संभावना वाले इलाकों पर सतत् नजर रखी जा रही है और स्थानीय लोगो से फोन पर सतत् सम्पर्क कर जानकारी भी लगातार ली जा रही है। कलेक्टर ने बताया कि जिले में अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण अभी तक कोई जनहानि नहीं हुई है। भारी बारिश के कारण जिले में 840 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। जिसके लिए प्रभावितों को राहत पहुंचाने लगभग 41 लाख रूपए के मुआवजा प्रकरण तैयार किए जा रहे है। कलेक्टर ने यह भी जानकारी दी कि अतिवृष्टि के कारण जिले में पाली विकासखण्ड में लगभग 27 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है। पहाड़ों की मिट्टी खिसकने से पानी के साथ बहकर मिट्टी खेतों मे जमा हो गई है। जिसके लिए भी लगभग 2 लाख रूपए के मुआवजा प्रकरण तैयार किए जा रहे हैं।
श्रीमती कौशल ने यह भी जानकारी दी कि अभी तक जिले में भारी बारिश के कारण पुल-पुलिया आदि का कोई नुकसान नहीं हुआ है। अभी तक स्थिति नियंत्रण में है। किसी भी विकासखण्ड में बाढ़ के कारण लोगों के फंसे होने या राहत शिविरों में लाकर रखने की स्थिति अभी तक नहीं बनी है। मुख्यमंत्री श्री बघेल को कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने जानकारी दी कि राजस्व विभाग के अमले सहित आपदा प्रबंधन में लगे कर्मियों तथा अधिकारियों को सभी जरूरी उपकरणों-सामानों के साथ किसी भी विपरीत परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है। जिले में कहीं से भी जलभराव, बाढ़ या तेज आंधी से नुकसान पर तत्काल प्रभावितों को मदद पहुंचाने के सभी इंतजाम पहले ही कर लिए गए हैं।