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कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) साकेत वर्मा : मिनीमाता बांगो बांध के 5 गेट खोले जाने के बाद पहले से ही लबालब दर्री बराज के जलस्तर में इजाफा होने लगा है. दर्री बराज में जलस्तर सही बनाए रखने के लिए इसके तीन गेट खोले गए हैं, जिससे हसदेव नदी में पानी का बहाव तेज हो गया है.
जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में हसदेव नदी के किनारे बसी बस्तियों और गांवों में प्रशासन ने मुनादी करा दी है और लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने के निर्देश दिए जा रहे हैं. हसदेव नदी के किनारे बसे गांवों और बस्तियों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. बराज के गेट खोले जाने के बाद हसदेव नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. जान-माल की हानि न हो, इसके लिए लोगों को अलर्ट किया गया है.
नदी किनारे बने 6-7 मकानों तक पहुंचा हसदेव नदी का पानी
बीती रात हसदेव नदी किनारे बसे सीतामढ़ी और इमली की बस्ती के लोगों को मुनादी कर बराज से पानी छोड़ने की सूचना दी गई थी. सूचना मिलते ही वार्ड पार्षद ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पहुंचकर बस्तियों में मुनादी करवाई. इसके बाद बस्ती में रहने वाले लोग रात में ही सुरक्षित जगहों पर चले गए. फिलहाल नदी किनारे बने लगभग 6-7 मकानों तक ही हसदेव नदी का पानी पहुंचा है. किसी तरह की कोई जनहानि अब तक नहीं हुई है.
हसदेव नदी का जलस्तर बढ़ने से शहर के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराता रहता है. इससे पहले भी बरसात के मौसम में हसदेव नदी के बढ़े हुए जलस्तर ने शहर की निचली बच्चियों को तरबतर कर दिया था, जिसमें इमली, डुग्गू और सीतामढ़ी के कई मकान पानी में डूब गए थे.
छत्तीसगढ़ की पहली बहुद्देशीय परियोजना बांगो बांध
बांगो बांध छत्तीसगढ़ राज्य की पहली बहुद्देशीय परियोजना है. जहां से सिंचाई, मछली पालन, विद्युत उत्पादन के साथ ही पर्यटन के क्षेत्रों को भी बढ़ावा दिया जाता है. इसकी स्थापना 1967 में की गई थी. बांगो बांध छत्तीसगढ़ का सबसे ऊंचा बांध भी है. मनोरम दृश्य देखने के लिए लोगों की भीड़ यहां लगती है. बांगो बांध से जब 87 मीटर की ऊंचाई से पानी नदी में छोड़ा जाता है, तब दृश्य बेहद मनोरम होता है. इस दौरान पानी दूध जैसा सफेद दिखाई पड़ता है. प्रकृति की इस नैसर्गिक खूबसूरती को देखने के लिए आसपास के लोगों का बांगो बांध के पास आना शुरू हो गया है.
बांगो बांध के बारे में जानकारी
- बांगो बांध कीस्थापना 1967 में की गई.
- प्रथम बहु उद्देशीय परियोजना हसदेव नदी पर निर्मित.
- जिले के गांव माचाडोली में स्थापित, अंतिम निर्माण 2011 तक पूर्ण हुआ.
- प्रदेश का सबसे ऊंचा बांध. इसकी ऊंचाई 87 मीटर- 1994.
- जल विद्युत परियोजना संचालित. राज्य की पहली और सबसे बड़ी जल विद्युत परियोजना.
- लाभान्वित जिले कोरबा, जांजगीर और रायगढ़.
- सिंचाई क्षमता 4,20,580 हेक्टेयर (खरीफ फसल- 2,47,400, रबी फसल- 1,73,180).
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