दंतेवाड़ा पुलिस को लोन वर्राटू अभियान के तहत एक और बड़ी सफलता मिली है. 5 इनामी सहित 16 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है. इसमें कोंडागांव में सरेंडर करने वाले चार नक्सली भी हैं.

दंतेवाड़ा (सेंट्रल छत्तीसगढ़)/साकेत वर्मा : जिले में चलाये जा रहे लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर और नक्सली विचारधारा से तंग आकर नक्सली लगातार अपने संगठन को अलविदा कह रहे हैं. लोन वर्राटू अभियान के तहत पुलिस को एक और बड़ी सफलता मिली है. रविवार को दंतेवाड़ा विधायक देवती कर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष तूलिका कर्मा, निगम उपाध्यक्ष छविंद्र कर्मा, CRPF DIG विनय कुमार सिंह, दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उदय किरण के समक्ष 12 नक्सलियों से सरेंडर किया है.

वहीं कोंडागांव पुलिस अधीक्षक के समक्ष 4 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है. नक्सली केशकाल थाना क्षेत्र के धुर नक्सल प्रभावित ग्राम माड़गांव के रहने वाले हैं. सरेंडर करने वाले नक्सलियों में 2 महिला नक्सली भी शामिल है.

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सरेंडर करने के बाद किया गया सम्मान.

5 इनामी नक्सली भी शामिल-

  • सरेंडर नक्सलियों में चांदुराम सेठिया पर 2 लाख रुपये का इनाम था. जो प्लाटून नंबर 26 का सदस्य था.
  • लखमू हेमला आमदाई एरिया कमेटी पार्टी क सदस्य था, जिसपर 1 लाख का इनाम था
  • सुनील ताती, प्लाटून नंबर 16 का सप्लायर, 1 लाख का इनामी
  • मानू मंडावी, प्लाटून नंबर 16 का सप्लायर, 1 लाख का इनाम
  • मैतूराम बारसा, जनमिलिशिया कमांडर, 1 लाख का इनामी
  • 7 मिलिशिया सदस्य और जनमिलिशिया सदस्य के रूप में काम कर रहे थे
  • सभी को 10 -10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई है.

इनामी नक्सली चांदुराम सेठिया आईईडी ब्लास्ट कर यात्री बस को विस्फोट करने की वारदात में शामिल था, जिसमें 2 ग्रामीण सहित 23 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे. साथ ही पुलिस पार्टी पर अंधाधुंध फायरिंग, हथियार लूटने, आईईडी ब्लास्ट, आगजनी, अपहरण जैसी बड़ी वारदातों में शामिल था.

कोंडागांव पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने उन्हें प्रोत्साहन राशि देकर समझाइश भी दी है. पूछताछ के दौरान चारों ने बताया कि उन्हें बीते महीने 12 जुलाई को ग्राम माड़गांव से नक्सली किसकोडो, एलजीएस कमांडर लखमू और अन्य 7 नक्सली गांव से बलपूर्वक धमकाकर अपने साथ ले गए थे.

इस दौरान उन्हें नक्सलियों ने हथियार चलाने, बम बनाने और अन्य नक्सल संबंधित प्रशिक्षण दिया गया. जबरदस्ती उन्हें नक्सल संबंधी भड़काउ वीडियो, साहित्य आदि के माध्यम से अपने साथ शामिल करने का प्रयास किया गया. लेकिन छत्तीसगढ़ शासन की नीतियों और विकास कार्यों से प्रभावित होकर इन नौजवानों ने नक्सलियों का साथ छोड़कर समाज की मुख्य धारा में शामिल होने का निर्णय लिया है.

नक्सलियों की टूटी कमर

बता दें कि 2 महीने पहले शुरू किए गए लोन वर्राटू अभियान से अभी तक पुलिस के सामने 15 इनामी सहित 71 नक्सलियों ने लाल आतंक को अलविदा कहते हुए समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का फैसला किया है.