रायपुर (सेंट्रल छत्तीसगढ़): गोधन न्याय योजना की शुरुआत होते ही जांजगीर के किसानों ने गोठानों में 13 हजार 771 क्विंटल गोबर का विक्रय किया. जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के 201 और नगरीय निकायों के 15 गोठान में भी गोधन न्याय योजना शुरूआत की गई. इस मौके पर ग्रामीणों, शहरी क्षेत्र के 928 पशुपालकों ने 13 हजार 771 किलोग्राम गोबर बेचकर गोधन न्याय योजना की शुरुआत की गई.
महिलाओं ने गौठानों में बेचा गोबर
पशुपालकों को परचेज कार्ड भी दिया गया
इस दौरान पशुपालकों ने गोबर के क्रय-विक्रय का लेखा-जोखा रखने के लिए क्रय-पत्रक (Purchase card) का वितरण भी किया गया. सोमवार को हरेली त्योहार के मौके पर गोधन न्याय योजना के जरिए से गोबर खरीदी की शुरुआत की गई. इस दौरान कोई टोकनी, तो कोई दोपहिया वाहन और ट्रैक्टर में गोबर लेकर गौठान पहुंचे. ग्राम पंचायत चंदनिया में हरेली पर्व पर गोधन न्याय योजना के तहत 1 क्विंटल गोबर की खरीदी की गई. वहीं मालखरौदा के ग्राम पंचायत सकर्रा में भी ग्रामीणों ने गौठान में गोबर तुलवाकर गोबर को बेचा. वहीं बलौदा जनपद पंचायत के औराईकला में महिलाओं ने विधिवत पूजा अर्चना के साथ गोधन न्याय योजना का शुभारंभ किया.
पढ़ें- कोंडागांव: फूलोदेवी नेताम ने ‘गोधन न्याय योजना’ का शुभारंभ किया
एक दिन में 13 हजार 771 किलोग्राम गोबर क्रय
- जिले में एक दिन में 928 हितग्राहियों ने 13 हजार 771 किलोग्राम गोबर का गौठान में क्रय करते हुए उसे रजिस्ट्रर में दर्ज किया गया.
- इसके साथ ही उन्हें क्रय पुस्तक का वितरण भी किया गया.
- जनपद पंचायत अकलतरा के गौठानों में 102 हितग्राहियों ने 2 हजार 179 किलोग्राम गोबर बेचा.
- बलौदा जनपद पंचायत की गौठानों में 73 हितग्राहियों ने 1 हजार 427 किलोग्राम गोबर बेचा.
- मालखरौदा की जनपद पंचायतों की गौठानों में 111 पशुपालकों ने 1 हजार 721 किलोग्राम गोबर बेचा.
- जैजैपुर जनपद पंचायत के 104 हितग्राहियों ने 2 हजार 363 किलोग्राम गोबर बेचा.
- सक्ती जनपद पंचायत के 111 हितग्राहियों ने 1 हजार 33 किलोग्राम गोबर बेचा.
- बम्हनीडीह जनपद पंचायत के 90 हितग्राहियों ने 1 हजार 120 किलोग्राम गोबर बेचा.
- डभरा जनपद पंचायत के 44 हितग्राहियों ने 623 किलोग्राम गोबर बेचा.
- नवागढ़ जनपद पंचायत के 55 हितग्राहियों ने 837 किलोग्राम गोबर बेचा.
- पामगढ़ के 102 हितग्राहियों ने 1 हजार 282 किलोग्राम गोबर बेचा.
- इसके साथ ही 15 नगरीय निकाय क्षेत्र की गौठान में 136 पशुपालकों की ओर से 1 हजार 186 किलोग्राम गोबर बेचा गया.
दंतेवाड़ा में विधायक देवती महेंद्र कर्मा ने ग्राम झोड़ियाबाड़म में ‘गोधन न्याय योजना’ की शुरुआत की. इसके अलावा 3 अन्य गौठानों बालपेट, गाटम, नकुलनार गौठान का शुभारंभ किया गया. जिसके तहत गोबर खरीदी की शुरुआत की गई.
किसान ने बेचा गोबर
कहां कितना बेचा गया गोबर
- झोड़ियाबाड़म में 278 किलोग्राम
- बालपेट में 320 किलोग्राम
- गाटम में 160 किलोग्राम
- नकुलनार में 110 किलोग्राम गोबर खरीदी की गई
- अन्य चयनित 18 गौठानों में भी योजना की शुरुआत की जा रही है.
कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि जिले की सभी 143 ग्राम पंचायतों में इस योजना से जोड़ने के लिए गौठानों के निर्माण कर योजना की जल्द ही शुरुआत की जाएगी.
कांकेर जिले के सभी विकासखंड के 197 गौठानों में गोधन न्याय योजना की शूरुआत की गई. शुभारंभ होने के बाद दो रुपए प्रति किलो की दर से 4 हजार 368.08 क्विंटल गोबर की खरीदी कर ली गई है.
किसान दंपति ने बेचा गोबर
- कांकेर में 12.04 क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है
- नरहरपुर में 30.80 क्विंटल
- चारामा में 11.22 क्विंटल
- भानुप्रतापपुर में 52 किलोग्राम
- दुर्गूकोंदल में 332.02 क्विंटल
- अंतागढ़ में 1764.80 क्विंटल और कोयलीबेड़ा में 2166 क्विंटल गोबर की खरीदी गौठान समितियों के जरिए की जा चुकी है.
बेमेतरा में योजना की शुरुआत के समय समय ग्रामीण महिलाओं से 300 किलो गोबर खरीदा गया था. उन्हें दो रुपए प्रति किलो की दर से 600 रुपए का नगद भुगतान गौठान समिति के ओर से कर दिया.
पढ़ें- बलरामपुर: गुलाब कमरो और चिंतामणि महाराज ने गोधन न्याय योजना की शुरूआत की
वर्मी कम्पोस्ट में बनेगी खाद
गौठान में गोबर 2 रुपए में खरीदा जाएगा. गोबर को पशुपालकों, ग्रामीणों से लेने के बाद उसे CPT में रखा जाएगा. कुछ समय बाद उसको वर्मी कम्पोस्ट टैंक में डालकर गोबर से खाद बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. खाद बनाकर सोसायटी के जरिए से 8 रुपए प्रति किलो की दर से बेचा जाएगा.
किसान दंपति ने बेचा गोबर
जशपुर में महिलाओं बनेगी सशक्त
जशपुर के विकासखंड बगीचा के जुरगुम गौठान में स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने समिति की ओर से निर्मित्त 3 क्विंटल जैविक खाद वन विभाग को बेची गई. अधिकारियों ने बताया कि जुरगुम गौठान में स्व सहायता समूह की महिलाओं ने पहले से ही जैविक खाद का निर्माण कर रखा है. गोधन न्याय योजना की शुरुआत के बाद अवसर पर स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने समिति द्वारा निर्मित्त 3 क्विंटल जैविक खाद का वन विभाग को विक्रय किया.