डकैती की योजना बनाते हरियाणा का मेवाती गैंग पकड़ाया, ज्वेलरी दुकान में वारदात की थी योजना, छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में थे सक्रिय,गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने कटघोरा में दी दबिश..

कोरबा (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़) हिमाशु डिक्सेना :- जिले की कटघोरा पुलिस को किसी बड़े वारदात के घटित हिने से पहले उसका भांडाफोड़ करने में बड़ी कामयाबी हाथ मिली है. जिला एसपी अभिषेक मीणा व एएसपी यू उदयकिरण के निर्देशन, कटघोरा अनुमंडल के एसडीओपी पंकज पटेल के मार्गदर्शन व थाना प्रभारी अविनाश सिंह की अगुवाई में पुलिस की टीम ने घेराबंदी करते हुए देश के कुख्यात मेवाती गैंग के तीन शातिर सदस्यों को अम्बिकापुर रोड पर हनुमानगढ़ी के पास से हिरासत में लिया है. दबिश के दौरान इनकी संख्या पांच थी. दो अन्य डकैत अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से फरार हो गए. इनके पास से पुलिस ने एक चालू हालत में देशी कट्टा, दो सब्बल, एक तलवार और तीन नग एक्सल ब्लेड जब्त किया है. सभी आरोपियों को पूछताछ के बाद न्यायिक रिमांड पर जेल दाखिल कराया जा रहा है. पुलिस के मुताबिक गिरफ्त में आये शाहिद पिता यूनुस खान (28), मूलतः हरियाणा के मेवात शहर का रहने वाला है. वही आशिक मोहम्मद पिता शेर मोहम्मद (28) और आरिफ खान पिता कासम (26) नूंह जिले के निवासी है.

आपसी फूट ने ही किया भांडाफोड़. काम आया पुलिस का कनेक्शन.

इस बारे में कटघोरा थाने में प्रेसवार्ता करते हुए एसडीओपी पंकज पटेल व प्रभारी अविनाश सिंह ने संयुक्त तौर पर बताया कि पूर्व में कटघोरा के बस स्टैंड क्षेत्र व अन्य जगहों पर दुस्साहसिक तरीके से बंद मोबाइल दुकानों का शटर तोड़कर लाखो रुपये कीमत का सामान और नकदी ओर हाथ साफ कर दिया गया था. इस वारदात के बाद पुलिस को कुछ अहम सुराग हासिल हुई थे. तफ्तीश के दौरान इस बात का भी खुलासा हुआ था कि डकैती के सभी आरोपियों का सम्बंध संभवतः हरियाणा के मेवात गैंग से हो सकता है. जिस तरीके से उन्होंने दिनदहाड़े मोबाइल दुकानों पर धावा बोला था यह तरीका मेवाती गैंग के आपराधिक तरीके से काफी मेल खाता है. इसके पश्चात जिए के उच्चाधिकारियों के निर्देश ओर एक टीम सीधे मेवात रवाना किया गया था. पुलिस ने स्थानीय पुलिस की मदद से वहां आरोपियों का पता तलाश किया था. इतना ही नही बल्कि कुछ लोगों को उन्होंने गुप्त जानकारी साझा करने के लिए भी राजी कर लिया था.

एसपी को किया फोन, पांच डकैत बनाया रहे है प्लानिंग.

पुलिस के मुताबिक उन्हीं गुप्तचरों में से एक नए जिला एसपी कार्यालय में फोन कर यह जानकारी दी थी कि उनके गैंग के करीब पांच सदस्य कोरबा इलाके में डकैती के वारदात को अंजाम देने के मकसद से रवाना हुए है. उसने पुलिस को उनमे से कई सदस्यों के नम्बर भी साझा किए थे. पुलिस ने जब उन नम्बरो का लेटेस्ट लोकेशन ट्रेस किया तो पुलिस के भी होश उड़ गए. मेवाती गिरोह के सभी सदस्यों का लोकेशन कटघोरा थाना क्षेत्र के अम्बिकापुर मार्ग पर दिखा रहा था. इसकी पुष्टि होते ही फौरन कटघोरा पुलिस ने एक टीम तैयार किया और दबिश देने रवाना हुए. पुलिस जैसे ही संभावित स्थल पर पहुंची पांच में से तीन आरोपी उनके हत्थे चढ़ गए जबकि अंधेरी का फायदा उठाकर अन्य दो फरार होने में कामयाब रहे.

रेकी कर देते थे वारदात को अंजाम.


डकैती की योजना के पहले ही हिरासत में आये तीनों ही पेशेवर आरोपियों ने कड़ाई से हुई पूछताछ में बताया कि उनका सीधा सम्बन्ध मेवात में सक्रिय लूटपाट गिरोह से है. वे अलग-अलग राज्यो में घूम घूमकर अपना सॉफ्ट निशाना तैयार करते है और फिर तैयारी पूरी होते ही वह सशस्त्र तरीके से डकैती, चोरी अथवा लूटपाट जैसे गम्भीर आपराधिक कृत्यों को अंजाम देकर वापिस लौट जाते है. इन सभी का सम्बंध उसी सक्रिय डकैत गैंग से है जिन्होंने पूर्व में कटघोरा समेत अन्य जगहों पर शटर तोड़कर मोबाइल और नकदी पार किया था. गिरफ्त डकैतों ने इस बात की भी खुलासा किया की वो पहले भी इस इलाके भब रेकी कर चुके है जबकि वे रायगढ़ में भी वारदात को अंजाम देने के फिराक में थे.

डकैती, चोरी के लिए ट्रक और बड़ी मशीनों का अभी इस्तेमाल.

लूटपाट की योजना बनाते आरोपियों ने एक बेहद चौंकाने वाला खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि उनके अलग अलग गिरोह अलग अलग तरह के अपराधों के लिए तैयार रहते है. उनके एक गिरोह हाइवे में लूटपाट करता है, दूसरा गिरोह जो मोबाइल दुकानों पर धावा बोलता है, तीसरा सर्राफे और ज्वेलरी शॉप को निशाना बनाता है जबकि चौथा गैंग वह है जो हर तरह के वारदात के लिए तैयार रहता है. उनका सम्बन्ध इस चौथे गैंग से है. पुलिस ने भी खुलासा किया है कि उनके गिरोह में सदस्यों की संख्या दो-चार नही बल्कि सैकड़ो मव होती है. उन्ही में से अलग-अलग सदस्य समय-समय पर प्रदेश में घुसपैठ कर अपनी योजनाओं को अमलीजामा पहनाते है. इससे पहले वह मौके की गहनता से रेकी करते है. बड़े सामानों की चोरी अथवा लूटपाट के लिए उ के पास भारी ट्राले वाले वाहन भी उपलब्ध होते है. इसके अलावा सामानों की लोडिंग के लिए वह भारी मशीनो के इस्तेमाल करने से भी गुरेज नही करते. उन्होंने पिछले महीने राजस्थान के बांसवाड़ा से लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी द्वारा वाटर सप्लाई के लिए उपयोग होने वाले पिट आयरन के 500 नग पाइप पर भी हाथ साफ किया था जिसका खुलासा उन्होंने किया है.

सभी तीनो आरोपियों के खिलाफ भादवि की धारा 399, 402 व 25 आर्म्स एक्ट के तहत अपराध कायम कर उन्हें जेल दाखिल करा दिया गया है. उनके फरार दो अन्य साथियों की तलाश सरगर्मी से की जा रही है.

हिमांशु डिक्सेना की रिपोर्ट…..