कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) साकेत वर्मा: प्रदेश में गरीब परिवारों को आवास की सुविधा देने के लिए प्रदेश सरकार कई योजनाएं चला रही है. मुख्यमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना के संचालित होने के बाद भी कई ऐसे परिवार हैं, जिन्हें इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. कोरबा जिले के तिलकेजा गांव में भी ऐसा ही एक परिवार है, जो मासूम बच्चों के साथ झोपड़ी में रहने को मजबूर है.
आदर्श ग्राम तिलकेजा में गरीब परिवार अपने 4 मासूम बच्चों के साथ जर्जर झोपड़ी में निवास करने को मजबूर है. इस गांव में रहने वाली तीजमती सालों से इस झोपड़ी में रह रही है. इस झोपड़ी की हालत दयनीय है. बारिश में झोपड़ी की छत हर जगह से टपकने लगती है. मजबूरन परिवार को रातभर बैठकर झोपड़ी से पानी निकालने का काम करना पड़ता है. ये झोपड़ी कभी भी गिर सकती है और बड़ा हादसा हो सकता है.
4 बार लगा चुके आवास के लिए गुहार
ये परिवार सरपंच और सचिव से 4 बार प्रधानमंत्री आवास के लिए गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अब तक इन्हें आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिल पाया है. तीजमती ने बताया कि गांव के 15 वार्ड का सर्वे नहीं हुआ है, इस वजह से आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. तीजमती ने कहा कि जल्द से जल्द आवास मिल जाए, तो उन्हें इस तरह नहीं रहना होगा. इस पूरे मामले की जानकारी के लिए सरपंच और सचिव से संपर्क किया गया था, तो उन्होंने फोन बंद कर दिया