पोस्टर नहीं, घबराहट फाड़ रहे हैं विरोधी – जनता के समर्थन से डरे मुहल्ले के ‘ठेकेदार’!

कोरबा: कोरबा नगर पालिक निगम चुनाव में वार्ड 26 से निर्दलीय प्रत्याशी एवं निवर्तमान पार्षद अब्दुल रहमान (टॉर्च छाप) की बढ़ती लोकप्रियता से उनके विरोधी बुरी तरह घबराए हुए हैं। पिछले दो दिनों से लगातार कुछ लोग उनके प्रचार पोस्टर और बैनर फाड़ रहे हैं। इन हरकतों के पीछे वही लोग हैं जो खुद को मुहल्ले का ‘ठेकेदार’ समझते हैं, लेकिन जनता को किसे चुनना है, यह तय करने का अधिकार सिर्फ मतदाताओं के पास है।

पोस्टर फाड़कर लोकतंत्र की आवाज़ दबाने की कोशिश
अब्दुल रहमान के समर्थकों ने बताया कि उनके प्रचार सामग्री को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। कई स्थानों पर उनके पोस्टर फाड़ दिए गए हैं, और प्रचार को बाधित करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। यह सिर्फ एक पोस्टर नहीं, बल्कि विरोधियों की बौखलाहट का सबूत है।

जनता का समर्थन डिगाने की नाकाम कोशिश
विरोधी यह भूल रहे हैं कि पोस्टर दीवारों पर होते हैं, लेकिन समर्थन लोगों के दिलों में। अब्दुल रहमान ने अपने कार्यकाल में जनता से जो नाता जोड़ा, उसे सिर्फ कागज़ के पोस्टर फाड़कर खत्म नहीं किया जा सकता। जनता सब देख रही है, और इन हरकतों का जवाब वोट की ताकत से देगी।

मुहल्ले के ‘ठेकेदारों’ को जनता देगी जवाब
जो लोग खुद को वार्ड का ‘ठेकेदार’ समझकर चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें यह समझना होगा कि यह जनता का लोकतांत्रिक अधिकार है कि वह अपने प्रतिनिधि को चुने। ऐसे में जब विरोधी किसी भी तरह की साजिश कर रहे हैं, तो जनता भी चुप नहीं बैठेगी। 11 फरवरी को मतदान में इसका सीधा जवाब मिलेगा।

“हमारे पोस्टर फाड़ सकते हैं, लेकिन समर्थन नहीं”
अब्दुल रहमान के समर्थकों का कहना है कि वे इन हरकतों से घबराने वाले नहीं हैं। एक समर्थक ने कहा, “ये लोग हमारे पोस्टर फाड़ सकते हैं, लेकिन हमारे नेता को जनता के दिलों से नहीं निकाल सकते।”

राजनीति में ऐसे हथकंडे कोई नई बात नहीं हैं, लेकिन जब किसी प्रत्याशी की लोकप्रियता बढ़ती है, तो विरोधी इस तरह के असंवैधानिक रास्ते अपनाने लगते हैं। कोरबा की जनता अब जागरूक हो चुकी है और वह तय कर चुकी है कि वार्ड 26 में विकास की राजनीति करने वाले को ही समर्थन दिया जाएगा, न कि डर और दबाव की राजनीति करने वालों को।